नई दिल्ली : झारखंड में धनबाद के जज उत्तम आनंद की जुलाई में मौत मामले में 80 दिनों से अधिक समय की जांच के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने पहली चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें ऑटोरिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा पर हत्या (302), झूठी जानकारी देने (201) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 34 (सामान्य इरादे) के तहत आरोप लगाए गए हैं। सीबीआई ने हालांकि अभी इसका खुलासा नहीं किया है कि न्यायाधीश की हत्या किसके इशारे पर की गई, पर इतना जरूर कहा कि यह 'बड़ी साजिश' है और मामले की जांच अभी जारी है।
झाररखंड में धनबाद के जिला जज उत्तम आनंद 28 जुलाई की सुबह सैर के लिए निकले थे, जब ऑटोरिक्शा ने उन्हें टक्कर मार दी थी। सीसीटीवी फुटेज में ऑटोरिक्शा ड्राइवर को गाड़ी को बाईं ओर घुमाते और जज को टक्कर मारते हुए दिखाया गया है। जिला जज की पत्नी ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कराया है। इस मामले में आरोपियों लखन वर्मा और राहुल वर्मा को सबसे पहले झारखंड सरकार द्वारा गठित SIT ने गिरफ्तार किया था। भारी दबाव के बीच झारखंड सरकार ने इस मामले की जांच बाद में CBI को सौंप दी। CBI ने अगस्त में जांच अपने हाथ में ली।
आरोपियों का नार्को टेस्ट, ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने बाद में दोनों आरोपियों की कस्टडी ले ली और CFSL गांधीनगर में उनका नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग भी किया। सीबीआई ने मामले में ऑटोरिक्शा और दो मोबाइल की चोरी को लेकर दो अन्य FIR भी दर्ज की है। झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष CBI ने कहा था कि न्यायाधीश को 'जानबूझकर मारा गया' और बाद में अलग-अलग सुनवाई में उसने कहा कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।
वहीं, जज उत्तम आनंद का परिवार कहता रहा है कि उनकी हत्या की वजह वे मामले हो सकते हैं, जिनकी सुनवाई वह कर रहे थे। इस पहलू से जांच के लिए CBI ने 5 अक्टूबर को रांची जेल में नंद कुमार उर्फ मामा से भी पूछताछ की। विचाराधीन कैदी नंदकुमार, रंजय हत्याकांड में संदिग्ध है। रंजय को झरिया (धनबाद के बाहरी इलाके) के एक विधायक का करीबी बताया जाता है। उसके अलावा चार और विचाराधीन कैदियों से भी पूछताछ की गई है, जिस पर रंजय सिंह की हत्या में शामिल होने का आरोप है। ये सभी धनबाद और पलामू जिले के रहने वाले हैं। इस मामले की सुनवाई जिला जज उत्तम आनंद की अदालत कर रही थी। सीबीआई की टीम इन लोगों से पूछताछ के लिए रांची जेल गई थी।
कई लोगों से पूछताछ और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बावजूद CBI अब भी इस पर चुप्पी साधे हुए है कि क्या उसे जिला जज उत्तम आनंद की मौत मामले में जांच के दौरान कोई सफलता मिली है?