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CDS बिपिन रावत को सम्मान, उनके नाम पर रखा गया अरुणाचल प्रदेश में सड़क, सैन्य शिविर का नाम

Updated Sep 10, 2022 | 16:12 IST

भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत (Bipin Rawat) के नाम पर अरुणाचल प्रदेश के अनजॉ जिले के तहत आने वाले किबिथू में एक सड़क, सैन्य शिविर का नाम रखा गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत के नाम अरुणाचल प्रदेश में सड़क का नाम

किबिथू (अरुणाचल प्रदेश) : चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लोहित घाटी के किनारे स्थित एक सैन्य अड्डे और इस पर्वतीय क्षेत्र में एक प्रमुख सड़क का नाम भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत के नाम पर रखा गया है। रावत की एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत होने के 09 महीने बाद उनके नाम पर इस सड़क का नामकरण किया गया। किबिथू सैन्य शिविर का नाम बदलकर 'जनरल बिपिन रावत मिलिट्री गैरिसन' हो गया है। राज्यपाल ने इस सैन्य शिविर पर स्थानीय पारंपरिक वास्तुकला शैली में बने एक विशाल प्रवेश द्वार का भी उद्घाटन किया। वहीं सीएम पेमा खांडू ने वालोंग से किबिथू तक 22 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम 'जनरल बिपिन रावत मार्ग' रखा। इस मौके पर जनरल रावत के एक आदमकद भित्ति चित्र का भी अनावरण किया गया।

किबिथू (Kibithu) भारत के पूर्वी हिस्से में लोहित घाटी के तट पर बसा एक छोटा सा गांव है। अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ (Anjaw) जिले के तहत एक सर्कल, किबिथु भी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने वाली भारतीय सेना का एक महत्वपूर्ण सैन्य शिविर है। भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने 1999-2000 तक किबिथू में कर्नल के रूप में अपनी बटालियन 5/11 गोरखा राइफल्स की कमान संभाली थी और क्षेत्र की सुरक्षा संरचना को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया। उनकी दूरदर्शिता और दूरदर्शिता ने क्षेत्र में ढांचागत विकास और सामाजिक विकास को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्थानीय आबादी को बहुत फायदा हुआ।

अरुणाचल प्रदेश के अनजॉ जिले के तहत आने वाले किबिथू को सैन्य दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। सेना ने कहा कि जनरल रावत की दूरदर्शिता इलाके में बुनियादी ढांचे के विकास तथा सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण थी। उसने कहा कि दिसंबर 2021 में जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन से देश को अपूरणीय क्षति पहुंची है। इस नामकरण समारोह में किबिथू और वालोंग के निवासी भी शामिल हुए। सेना ने कहा कि यह समारोह भारत के पहले सीडीएस को सच्ची श्रद्धांजलि है।

किबिथू सैन्य शिविर और वालोंग से किबिथू जाने वाली 22 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम जनरत रावत के नाम पर रखा गया है। इस नामकरण समारोह में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल ब्रिगेडियर (रिटायर) बी डी मिश्रा, मुख्यमंत्री पेमा खांडू, पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता और जनरल रावत की बेटियां कृतिका और तारिणी शामिल हुईं। कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए।

गौर हो कि जनरल रावत का पिछले साल 8 दिसंबर को तमिलनाडु में कुनूर के समीप एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया था। इस हादसे में उनकी पत्नी मधुलिका तथा 12 अन्य सैनिकों की भी मौत हो गई थी। 

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