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Shiv Sena के 15 बागी विधायकों को केंद्र ने दी 'Y+' श्रेणी की CRPF सुरक्षा, इतने कमांडो करेंगे सुरक्षा

Updated Jun 26, 2022 | 15:16 IST

केंद्र सरकार ने रविवार को शिवसेना के कम से कम 15 बागी विधायकों को सीआरपीएफ जवानों से लैस 'वाई प्लस' श्रेणी का सुरक्षा घेरा प्रदान किया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
विधायकों के परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी
मुख्य बातें
  • गृह मंत्रालय की सिफारिश के बाद विधायकों को मिली ‘वाई प्लस’ श्रेणी की सीआरपीएफ सुरक्षा
  • विधायकों के परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी
  • मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य के कारण संभावित खतरों को देखते हुए लिया गया फैसला

मुंबई: केंद्र सरकार ने 15 बागी शिवसेना विधायकों को 'वाई +' श्रेणी के सशस्त्र केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सुरक्षा कवर प्रदान किया है, जो वर्तमान में असम के गुवाहाटी में हैं।  जिन विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है, उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुदलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे और 10 अन्य विधायक शामिल हैं। रविवार को सीआरपीएफ की ओर से यह सुरक्षा मुहैया कराई गई जिसे शनिवार को गृह मंत्रालय से एक आदेश मिला था।

इन विधायकों को मिला रक्षा कवर

24 घंटे जिन विधायकों को सीआरपीएफ सुरक्षा कवर मिलेगा उनमें रमेश बोर्नारे, मंगेश कुडलकर, संजय शिरसत, लताबाई सोनवणे, प्रकाश सुर्वे, सदानंद सरनावनकर, योगेश दादा कदम, प्रताप सरनाइक, यामिनी जाधव, प्रदीप जायसवाल, संजय राठौड़, दादाजी भूसे, दिलीप लांडे, बालाजी कल्याणर और संदीपन भुमरे शामिल हैं। अधिकारियों के मुताबिक, महाराष्ट्र में रहने वाले इन विधायकों के परिवारों को भी सुरक्षा प्रदान की जाएगी, क्योंकि सुरक्षा घेरे के अंतर्गत गृह सुरक्षा दल भी शामिल हैं। अपने ट्वीट में शिंदे ने यह भी आरोप लगाया था कि ठाकरे और वालसे पाटिल के आदेश पर शिवसेना के 16 बागी विधायकों की सुरक्षा 'राजनीतिक प्रतिशोध' के कारण वापस ले ली गई थी।

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बागियों ने लिखा था ये पत्र

शिवसेना के असंतुष्ट नेता एकनाथ शिंदे ने शनिवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार ने खुद सहित 16 बागी विधायकों के आवासों पर मुहैया कराई गई सुरक्षा वापस ले ली है और इस कार्रवाई को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया है। हालांकि महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने इस तरह के किसी भी कदम से इनकार किया। शिंदे, जो वर्तमान में बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, ने 16 विधायकों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र भी ट्वीट किया था, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल को लिखा गया था। अपने ट्वीट में शिंदे ने यह भी आरोप लगाया था कि ठाकरे और वालसे पाटिल के आदेश पर शिवसेना के 16 बागी विधायकों की सुरक्षा 'राजनीतिक प्रतिशोध' के कारण वापस ले ली गई थी।

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