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कोवैक्‍सीन का बच्‍चों पर ट्रायल शुरू, यहां किया जा रहा परीक्षण

Updated Jun 02, 2021 | 20:55 IST

बच्‍चों को कोरोना संक्रमण से बचाने की कवायद के तहत कोवैक्‍सीन का परीक्षण शुरू कर दिया गया है। बच्‍चों पर कोवैक्‍सीन का परीक्षण किया जा रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
कोवैक्‍सीन का बच्‍चों पर ट्रायल शुरू, यहां किया जा रहा परीक्षण
मुख्य बातें
  • कोवैक्‍सीन का ट्रायल बच्‍चों पर शुरू कर दिया है
  • बच्‍चों पर यह ट्रायल पटना एम्‍स में हो रहा है
  • भारत बायोटेक ने इस वैक्‍सीन को तैयार किया है

नई दिल्‍ली : कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के बीच बच्‍चों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कोविड से बचाव में वैक्‍सीनेशन को अहम समझा जा रहा है और इस संबंध में एक बड़ा सवाल यही रहा है कि आखिर बच्‍चों को वैक्‍सीन कब लगनी शुरू होगी? इस दिशा में आगे बढ़ते हुए बच्‍चों पर कोवैक्‍सीन का ट्रायल भारत में शुरू हो गया है।

बिहार की राजधानी पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (AIIMS) में यह ट्रायल किया जा रहा है।

कोविड की तीसरी लहर की चेतावनी

बच्‍चों पर कोवैक्‍सीन का ट्रायल ऐसे समय में शुरू किया गया है, जबकि विशेषज्ञ कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर लगातार चेतावनी दे रहे हैं। ऐसी जानकारी भी सामने आ रही है कि कोविड-19 की इस तीसरी लहर में बच्‍चे सर्वाधिक प्रभावित हो सकते हैं। मंगलवार को केंद्र सरकार ने भी इस संबंध में एक बयान जारी किया था, जिसमें कहा गया कि वायरस जिस तरह रूप बदल रहा है, उसे देखते हुए कुछ भी कह पाना मुश्किल है।

नीति आयोग के सदस्‍य (स्‍वास्‍थ्‍य) डॉ. वीके पॉल ने कोविड की तीसरी लहर में बच्‍चों के सर्वाधिक प्रभावित होने के संबंध में आ रही चेतावनियों के बीच कहा था कि भारत पहले से इसे लेकर सतर्क है और इसे ध्‍यान में रखते हुए नई बुनियादी संरचनाओं का भी निर्माण कर रहा है और उसे अपडेट भी किया जा रहा है। बच्‍चों को इसके घातक दुष्‍प्रभाव से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

'घातक हो सकता है कोविड का बदलता रूप'

उन्‍होंने कहा कि हालांकि भारत में फिलहाल कोविड संक्रमण की स्थिति बच्‍चों में गंभीर नहीं देखी गई है और बहुत से बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। लेकिन अगर कोरोना वायरस अपनी प्रकृति बदलता है तो बच्‍चों पर इसके दुष्‍प्रभाव में बढ़ोतरी हो सकती है। दो से तीन फीसदी बच्‍चों को अस्‍पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है।

इन सबके बीच बच्‍चों पर कोवैक्‍सीन का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किए जाने की जानकारी सामने आई है। भारत के शीर्ष दवा नियामक ने मई मध्‍य में दो से 18 साल तक के बच्चों को कोवैक्सीन लगाने के लिए दूसरे/तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दी थी। मई के आखिर में भारत बयोटेक ने कहा था कि बच्‍चों पर ट्रायल अगले महीने शुरू हो सकता है।

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