लखनऊ: लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है, ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने उनकी मदद के लिए बसों की पेशकश की जिसके बाद से इस मामले पर राजनीति गर्म है। उनके इस प्रस्ताव को प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से स्वीकार भी कर लिया गया था और साथ ही बिना कोई देर किए बसों और ड्राइवर की लिस्ट देने के लिए कहा था। इस पर कांग्रेस की ओर से कहा गया कि लिस्ट तैयार की जा रही है।
वहीं अब जो लिस्ट सामने आई है उसे लेकर फिर से बयानबाजी शुरु हो गई है,बीजेपी ने और योगी सरकार ने प्रियंका की भेजी लिस्ट सही ना होने की बात कही है उन्होंने कहा कि इसमें कई वाहनों के नंबर और डिटेल गलत है और बसों के बजाय और वाहनों के नंबर हैं।
वहीं प्रवासी मजदूरों के लिए बसें चलवाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही सियासी जंग में कांग्रेस को झटका लगा है। रायबरेली से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने पूरे मामले पर अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना करते हुए कुछ प्रियंका गांधी से ही कुछ सवाल किए हैं।
अदिति सिंह ने योगी सरकार के रुख का समर्थन करते हुये कोटा को लेकर भी सवाल उठाया है. एक ट्वीट में अदिति ने लिखा, 'कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बॉर्डर तक ना छोड़ पाई...
विधायक अदिति ने सीएम योगी की तारीफ भी की है गौरतलब है कि अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल वहीं हैं पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुये अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं इसके अलावा कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था।
कांग्रेस ने योगी सरकार पर लगाए आरोप
वहीं कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक भेजने के लिए उसकी ओर से मुहैया कराई जा रही बसों को लेकर घटिया राजनीति कर रही है।पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि ये बसें बुधवार शाम पांच बजे तक राजस्थान से लगी उत्तर प्रदेश सीमा पर खड़ी रहेंगी और उत्तर प्रदेश सरकार को इन्हें जाने की अनुमति देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'यह घटिया राजनीति की चरम सीमा है। अजय सिंह बिष्ट सरकार (योगी आदित्यनाथ सरकार) गोल-गोल घूमा रही है। इस राजनीति का औचित्य क्या है? हम सरकार के इस रुख की कड़ी निंदा करते हैं।' सिंघवी के मुताबिक मई के अंत की चिलचिलाती गर्मी के बीच और पैर में छाले लेकर श्रमिक चल रहे हैं, लेकिन बसों को रोका जा रहा है और सस्ती राजनीति की जा रही है।