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Sawal Public Ka:राजस्थान में 'दलित लड़के' की 'मौत', क्या अपराध को लेकर विपक्ष दोहरा मापदंड अपना रहा है ?

Updated Aug 16, 2022 | 22:56 IST

Rajasthan Dalit Boy Death: राजस्थान में एक दलित लड़के की उसके शिक्षक द्वारा कथित तौर पर 'उच्च जातियों' के लिए एक बर्तन से पानी पीने के लिए उसकी पिटाई करने के बाद मौत हो गई। सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए ये राजनीतिक संकट में बदलने जैसी घटना है, क्योंकि जो राहुल गांधी बीजेपी शासित राज्यों में ऐसे ही घटनाक्रम के बाद एक्टिव हो जाते हैं, वो राजस्थान के दलित लड़के की मौत पर 'मौन' हैं।

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Rajasthan Dalit Boy Death: राजस्थान में एक दलित लड़के की उसके शिक्षक द्वारा कथित तौर पर "उच्च जातियों" के लिए एक बर्तन से पानी पीने के लिए उसकी पिटाई करने के बाद मौत हो गई। सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए ये राजनीतिक संकट में बदलने जैसी घटना है, क्योंकि जो राहुल गांधी बीजेपी शासित राज्यों में ऐसे ही घटनाक्रम के बाद एक्टिव हो जाते हैं, वो राजस्थान के दलित लड़के की मौत पर 'मौन' हैं। 

कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत की बात की । इसके लिए 25 साल का टारगेट रखा । लालकिले से मोदी के इस भाषण को विपक्ष ने सियासी भाषण करार दिया । कहा जाने लगा कि मोदी 2024 चुनाव का एजेंडा सेट कर रहे हैं । 

आप ध्यान से देखेंगे तो पाएंगे कि मोदी के सामने कांग्रेस को मजबूत करने की तैयारी हो रही है। मोदी के सामने नीतीश को मजबूत दिखाने की तैयारी चल रही । मोदी के सामने ममता दीदी को मजबूत दिखाने की तैयारी चल रही है इसी तरह केसीआर, शरद पवार हर कोई 2024 के मिशन मोड पर काम कर रहा है । 

Rajasthan: दलित छात्र ने पेयजल का मटका छुआ तो आगबबूला हुआ टीचर, बेरहम पिटाई से फट गई कान की नस; हुई मौत

कांग्रेस में गांधी-नेहरू परिवार के बेहद करीबी सीनियर लीडर और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत गुजरात प्लान में बिजी हैं। दूसरी तरफ राजस्थान में हंगामा मचा हुआ है एक दलित छात्र की पीटकर मौत का आरोप हैलेकिन गहलोत साहब को गुजरात प्लान की पड़ी है। 

मैं आपको ये बता दूं कि राजस्थान के मुद्दे को मैंने रेफ्रेंस के तौर पर रखा है । 2024 की राजनीति में सब अपने लिए सहूलियत के मुद्दे चुन रहे हैं । राजस्थान में जैसे कांग्रेस..एक बड़े मुद्दे से किनारा करती दिख रही है । कैसे..उसे समझने के लिए राजस्थान में हुआ क्या उसे सिलसिलेवार जानिए । आरोप के मुताबिक राजस्थान के जालोर में 9 साल के एक बच्चे की मौत टीचर के पीटने से हो गई । 24 दिन इलाज चला ।  लेकिन बच्चा नहीं बच सका । कहा ये जा रहा है कि विवाद मटके...यानी मिट्टी के घड़े में रखे पीने के पानी को लेकर हुआ । जातिसूचक शब्दों की बात आ रही है । हालांकि आरोपी टीचर ऐसे आरोप से इनकार कर रहा है । लेकिन जो फैक्ट है..वो ये है कि 9 साल का बच्चा हमारे बीच नहीं है । उसकी मौत के बाद से राजस्थान के बड़े हिस्से में हंगामा है । जालोन में इंटरनेट बंद करना पड़ा । कांग्रेस के MLA पानाचंद मेघवाल ने रिजाइन कर दिया । 6 पार्षदों ने भी इस्तीफा दे दिया । इस मामले में आरोपी टीचर के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ, उसे गिरफ्तार कर लिया गया । लेकिन हंगामा जारी है ।  

इस पूरी घटना को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है । आज भी पूरे दिन दोनों पार्टियों के नेता का जालोर में जमावड़ा रहा । बीजेपी के सांसद किरोड़ी लाल मीणा,  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट भी जालोर पहुंचे इस मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर सियासी हमले करते रहे । 

 कांग्रेस के सीनियर लीडर और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कह रहे हैं कि जहां भी ऐसी घटना होती है । लेकिन सच्चाई ये है कि जब एक छात्र की मौत पर सियासी घमासान मचा है । तब राजस्थान के सीएम गहलोत गुजरात दौरे पर हैं । हालांकि मौसम खराब होने की वजह से सूरत नहीं पहुंच सके, राजस्थान से सीधा राजकोट गए । शेड्यूल के मुताबिक गहलोत गुजरात में तीन दिनों तक कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मंथन करेंगे शायद ये गुजरात इलेक्शन और 2024 की तैयारी है ।  

एक बच्चे की ऐसी मौत..और उसके बाद से हंगामा । लेकिन सीएम गहलोत गुजरात प्लान में बिजी हैं । लेकिन हाथरस कांड याद कीजिए ...। दिल्ली में मासूम बच्ची के साथ जो हुआ..उसके बाद जो हुआ उसे याद कीजिए । कैसे राजनीतिक पार्टियों में होड़ मच गई थी । लेकिन आज जालोर के मामले में सन्नाटे को महूसूस कीजिए । जालोर की घटना पर तो कई ऐसे लोगों ने रिएक्ट भी नहीं किया जो 2024 की दौर में मोदी को टक्कर देने की बात करते हैं । हां..वो रिएक्ट करते अगर ऐसा कुछ यूपी में हो जाता । तब देखते कैसे संविधान, संवैधानिक अधिकार सब खतरे में पड़ जाते । लेकिन चूंकि मामला राजस्थान का है.. इसलिए घनघोर चुप्पी है । 

जालोर में छात्र की पिटाई के 37 दिन बाद और उसकी मौत के 2 दिन बाद भी प्रियंका गांधी का सार्वजनिक रिएक्शन नहीं है । जबकि जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग के मामले में 4 घंटे में ही उनका रिएक्शन आ गया । 

जालोर केस में अशोक गहलोत का 24 दिन बाद रिएक्शन आया 
25वें दिन राहुल गांधी ने ट्वीट किया 
इसी दिन इस मामले में पुलिस केस दर्ज हुआ । 

लेकिन अब यूपी के मामलों को देखें । जैसे हाथरस गैंगरेप और हत्याकांड..जो 14 सितंबर 2020 का मामला है । इस केस को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया था । इस मामले में 15 दिन बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया। इसके दो दिन बाद राहुल और प्रियंका वहां जाने के प्रयास में हिरासत में लिए गए । इसके बाद 3 अक्टूबर को दोनों पीड़ित परिवार से हाथरस जाकर मिले ।

इसी तरह 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में गाड़ी से चार किसान समेत 8 लोगों को कुचलने की बात सामने आई । कांग्रेस ने यहां भी Same day मोर्चा खोल दिया, राहुल गांधी सहित तमाम बड़े नेताओं का रिएक्शन तुरंत आ गया। तीन दिन बाद ही राहुल गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने लखीमपुर खीरी पहुंच गए । 

मैं ये नहीं कहती कि कांग्रेस ने या किसी राजनीतिक दल ने हाथरस का मुद्दा उठाकर, लखीमपुर खीरी का मुद्दा उठाकर गलत किया । बिल्कुल ऐसे मुद्दे उठाए जाने चाहिए । लेकिन जालोर पर भी तो बोलते । जब आप जालोर पर चुप दिखते हैं तो लगता है कि..यही तो सहूलियत की राजनीति है । जरा याद कीजिए । दिल्ली में 1 अगस्त 2021 को एक नाबालिग लड़की से रेप का मामला सामने आया। इस मामले में भी कांग्रेस उतनी ही एक्टिव दिखी । दो दिन के अंदर ही राहुल गांधी का रिएक्शन आया । तीसरे दिन पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच गए । फोटो ट्वीट कर दिया..जिसे लेकर बहुत हंगामा हुआ था । 

जो 2024 में पीएम बनने के लिए लाइन लगी हुई है उस लिस्ट में शामिल लोग सिर्फ इसी बात में लगे रहेंगे कि उन्हें मोदी से मुकाबला करना है.. या उनका national perspective दिखेगा । 

आज यही सवाल पब्लिक भी पूछ रही है-
 सवाल नंबर 1 -
क्या मोदी के मुकाबले खड़ा विपक्ष सहूलियत और जरूरत की राजनीति कर रहा ? 

सवाल नंबर 2-
2024 का टारगेट है और इसमें सबका अपना-अपना एजेंडा सेट है ? 

सवाल नंबर 3 - 
यूपी में बवाल तो सिर पर आसमान..राजस्थान पर चुप्पी क्यों ? 

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