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Corona cases spike: जिस चीज का डर था वही हो रहा है, क्या मई के महीने में हम कहीं चूक गए

Updated May 27, 2020 | 19:47 IST

Corona cases in Maharashtra and Delhi: महाराष्ट्र और दिल्ली में जिस तरह से कोरोना के बढ़ते हुए केस सामने आ रहे हैं वो चिंता की बात है। सवाल यह है कि क्या हम कुछ गलती तो नहीं कर रहे हैं।

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महाराष्ट्र और दिल्ली में कोरोना केस तेजी से बढ़े
मुख्य बातें
  • महाराष्ट्र में कोरोना के कुल केस 54 हजार के पार
  • दिल्ली में कोरोना के मामले 15हजार के पार
  • लॉकडाउन 3 और लॉकडाउन 4 में हर रोज औसतन 5500 का इजाफा

नई दिल्ली। कोरोना के कोहराम से दुनिया परेशान है। इस वायरस का सामना करने के लिए एक अदद वैक्सीन की जरूरत है। वैक्सीन बनाने की दिशा में दावे किए जा रहे हैं। लेकिन पुख्ता तौर पर विशेषज्ञ भी कुछ कह पाने के हालात में नहीं हैं। इन सबके बीच अगर बात महाराष्ट्र और दिल्ली की करें तो यहां से जो आंकड़े आ रहे हैं वो डराने वाले हैं। भारत में कोरोना संक्रमितों की तादाद डेढ़ लाख के पार है और महाराष्ट्र का 36 फीसद और दिल्ली का 10 फीसद योगदान है। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की तादाद 54 हजार के पार तो दिल्ली में यह आंकड़ा 15 हजार के पार है। अब मूल सवाल यह है कि क्या लॉकडाउन में छूट देने का फैसला गलत था। 

आंकड़ों में सवाल का जवाब
इस सवाल का जवाब इन आंकड़ों में निहित है। एक मई से लेकर पांच मई तक हर रोज पूरे देश से कोरोना के औसतन साढ़े तीन हजार मामले सामने आ रहे थे। लेकिन 5 मई के बाद इसमें तेजी से इजाफा हुआ। 6 मई से लेकर 12 मई तक औसतन साढ़े चार हजार केस सामने आने लगे और अब यह दर 6 हजार के करीब है। मई की शुरुआत में यह आंकड़ा चालीस हजार के करीब था। लॉकडाउन 3 में छूट के बाद कोरोना केस तेजी से बढ़ने लगे। इसके साथ ही जब और अधिक छूट के साथ लॉकडाइउन 4 को अमल में लाया गया को कोरोना संक्रमण के केस और तेजी से बढ़ने लगे। इस समय औसतन कोरोना के 6 हजार मामले सामने आ रहे हैं और मौत के आंकड़ों में भी इजाफा हुआ है। 

मुंबई के लिए धारावी सबसे बड़ा खतरा
बात अगर महाराष्ट्र की करें तो वहां कोरोना के मामले पूरे देश की तुलना में 36 फीसद है और मुंबई सबसे अधिक प्रभावित है। खासतौर से धारावी स्लम में केस बढ़े हैं। महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए वो मुस्तैद है। यह बात अलग है कि जानकार इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। जानकारों का कहना है कि जमीनी स्तर पर ठोस काम नहीं हो रहा है। 

दिल्ली में भी तेजी से मामले बढ़े
अगर राजधानी दिल्ली की बात करें तो सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि वो पहले ही स्पष्ट कर चुके थे कि छूट के बाद मामलों में इजाफा होगा। लेकिन उससे निपटने के लिए इंतजाम किए गए हैं। बुधवार को एक दिन के सबसे अधिक मामले सामने आए जिसके बाद हर कोई हैरान है कि आखिर इतनी तैयारी के बाद ऐसा क्यों हो रहा है। 

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