- 30 मई को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल होगा पूरा
- बीते एक साल के दौरान सरकार ने लिए कई अहम फैसले
- मोदी सरकार 2.0 के दौरान कई ऐसे चेहरे हैं जिनकी खूब हुई चर्चा
नई दिल्ली: एक साल पहले जब लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे तो ने बंपर जीत हासिल करते हुए अपने बूते पर 303 सीटें हासिल की जबकि 2014 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को 282 सीटें मिली थीं। बीजेपी नीत वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को कुल मिलाकर 353 सीटें मिलीं। इस शानदार जीत के बाद 30 मई को जब पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो अपनी कैबिनेट का भी गठन किया। इस बार कैबिनेट में कई नए चेहरे भी शामिल हुए।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अब एक साल पूरा होने वाला है और इस दूसरे कार्यकाल के दौरान सरकार के खाते में कई ऐतहासिक उपलब्धियां भी जुड़ी हुई हैं। इनमें चाहे वो आर्टिकल 370 को खत्म करना रहा हो या फिर तीन तलाक खत्म करना। सरकार द्वारा कई कठोर निर्णय लिए गए। कोरोना संकट में भी सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिसकी तारीफ वैश्विक स्तर पर भी हुई। यहां हम आपको मोदी सरकार 2.0 के कुछ ऐसे चेहरों से रूबरू करा रहे हैं जिनके फैसलों को जनता ने जमकर सराहा।
अमित शाह
सरकार में नंबर दो की पोजीशन पर माने जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह पहली बार केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बने और पीएम मोदी ने उन्हें गृह मंत्रालय जैसी अहम जिम्मेदारी दी। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि शाह की कैबिनेट में गृह मंत्री के रूप में इंट्री एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा थी क्योंकि सरकार को कई अहम फैसले लेने थे। अपने कार्यकाल में कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करना एक ऐतिहासिक कदम था जिस निर्णय़ की तारीफ पूरे देश में हुई। उसके बाद तीन तलाक, नागरिकता कानून जैसे एक्ट को लेकर उन्होंने संसद में सरकार का पक्ष रखा जनता के बीच उनकी छवि एक कठोर और सख्त प्रशासक के रूप में उभरी।
अजित डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल दूसरे कार्यकाल के दौरान भी इसी अहम पद पर काबिज हैं। देश हो या विदेश मोदी के अहम दौरों पर वह हमेशा साथ रहते हैं। इस बार उनको भी कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है। आर्टिकल 370 को खत्म करने के बाद शाह ने घाटी में जाकर जिस तरह आम लोगों से मुलाकात कर हालात सामान्य बनाने में अहम भूमिका निभाई उसकी खूब चर्चा हुई। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई हो या फिर शांति बहाली, हर मोर्चे पर डोभाल कामयाब रहे। दिल्ली में हुई हिंसा के बाद उन्होंने जैसे ही कमान अपने हाथ में ली तो हालात सामान्य होने में ज्यादा देरी नहीं लगी।
एस जयशंकर
पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को जब मोदी कैबिनेट में जगह दी गई तो हर कोई हैरान रह गया था। सुषमा स्वराज के कार्यकाल के दौरान विदेश सचिव रहे जयशंकर दी सरकार के लिए कई मोर्चों पर अहम रणनीतिकार भी साबित हुए हैं और इसकी एक झलक उस समय देखने को मिली जब 2017 में चीन के साथ डोकलाम विवाद चला था और जयशंकर ही वो शख्स थे जिन्होंने इसे खत्म करने में अहम भूमिका निभाई थी। विदेश मंत्री के पद पर काबिज होने के बाद उन्होंने दुनियाभर में जिस तरह से भारत का पक्ष रखा उससे पाकिस्तान को अलग-थलग करने में कामयाबी मिली। सुषमा स्वराज की तरह विदेश में फंसे भारतीयों की मदद के लिए भी कई प्रयास किए। कोरोना संकट के दौरान विदेशों में फंसे भारतीयों की जिस तरह स्वदेश वापसी हो रही है उसमें जयशंकर की ही भूमिका अहम है।
निर्मला सीतारमण
वित्त जैसे अहम मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा रहीं निर्मला सीतारमण ने अपने बजट पेश करने के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। किसान हो या कारोबारी हर तबके के लिए उन्होंने कुछ ना कुछ ऐसे ऐलान किए जिसकी चर्चा खूब हुई। एक प्रवक्ता पद से बीजेपी में अपना करियर शुरू करने वाली निर्मला सीतारमण जेएनयू से शिक्षा ग्रहण कर चुकी हैं। संसद में भी उन्होंने राफेल से लेकर अन्य मुद्दों पर सरकार का जोरदार तरीके से बचाव किया। हालिया कोरोना संकट के दौरान घोषित किए गए आर्थिक पैकेज के हर हिस्से का ऐलान उन्होंने खुद किया। निर्मला मोदी सरकार का एक दमदार चेहरा मानी जाती रही हैं।
नितिन गडकरी
नितिन गडकरी की छवि एक ऐसा नेता की है जो बिना किसी लाग लपेट की अपनी बात रखता है। सड़क परिवहन और कौशल विकास, लघु उद्योग जैसे अहम मंत्रालयों का दायित्व निभा रहे गडकरी ने कई अहम फैसले लिए। लघु उद्योग सेक्टर कोरोना संकट में सर्वाधिक प्रभावित हुआ है औऱ सरकार ने उसे उबारने के लिए कई एक्शन प्लान तैयार किए हुए हैं। वहीं गडकरी ने सड़क परियोजना को जिस तेज गति से पूरा किया उसकी तारीफ हर कोई करता है। दूसरे कार्यकाल के दौरान भी गड़करी ने इन परियोजनाओं की रफ्तार में कोई कमी नहीं आने थई। वहीं प्रदूषण की रोकथाम और गाड़ियों के लिए नए मानक तय करने के लिए ऐसे कदम उठाए जिसकी तारीफ हर किसी ने की।