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पंजाब में ब्लैक आउट का खतरा, दिल्ली में धरने पर बैठे सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह

Updated Nov 04, 2020 | 12:47 IST

कोयले की कमी की वजह से पंजाब में ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है। पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर गुड्स ट्रेनों को पंजाब नहीं जाने दे रही है।

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कैप्टन अमरिंदर सिंह, सीएम, पंजाब
मुख्य बातें
  • पंजाब में ब्लैक आउट का खतरा, पंजाब सरकार ने केंद्र पर गुड्स ट्रेन ना भेजने का लगाया आरोप
  • केंद्र सरकार के खिलाफ पंजाब के सीएम दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठे
  • पंजाब में थर्मल पावर स्टेशन में अब कोयले की हो गई है कमी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब सरकार मोदी सरकार के खिलाफ हमलवार है। इसके साथ ही अब बिजली के मुद्दे पर भी घमासान तेज हो गई है। दरअसल पंजाब के थर्मल प्लांट के पास कोयले की कमी है और किसानों के विरोध की वजह से ट्रेनें नहीं चल रही है। लेकिन कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार जानबूझकर ट्रेनों का राज्य में नहीं जाने दे रही है। कोयले की कमी की वजह से पंजाब में ब्लैक आउट का खतरा बढ़ गया है। केंद्र सरकार के इस सौतेले व्यवहार के विरोध में कांग्रेस विधायक जंतर मंतर पर धरने में शरीक होने के लिए पहुंच रहे हैं। 

पंजाब में बिजली की किल्लत, दिल्ली में धरने पर बैठे अमरिंदर
पंजाब में तीन से चार घंटे तक बिजली की कटौती होने लगी है। इसके साथ ही किसानों के सामने खाद की दिक्कत हो गई है। गोदामों में सामान का स्टॉक बढ़ने लगा है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में धरना देने के लिए पहुंचे हैं। धरना पर बैठने से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस सांसदों के साथ राजघाट पहुंचे। 

नवजोत सिंह सिद्धू भी धरने पर
क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिद्धू को बुधवार को दिल्ली पुलिस ने उस समय रोक दिया जब वह पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में जंतर-मंतर पर होने वाले 'रिले धरना' में भाग लेने के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। रिले का मकसद किसानों की समस्याओं और माल गाड़ियों की तत्काल बहाली जैसे मुद्दों को प्रकाश में लाना था। हालांकि, सिंघू सीमा पर गर्म बहस के बाद, सिद्धू और उनके कैवल्केड को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। उनके साथ कांग्रेस विधायक अमरिंदर सिंह राजा वारिंग भी थे।

इसी तरह, पंजाब के अन्य विधायकों को दिल्ली में प्रवेश मार्ग पर रोका गया।बाद में सिद्धू ने मीडिया को बताया कि वह किसानों से संबंधित रिले में भाग लेने के लिए दिल्ली आए हैं।केंद्र के कृषि कानूनों को 'संघीय ढांचे पर हमला' बताते हुए, सिद्धू ने कहा कि ये काले कानून किसान समुदाय और कृषि अर्थव्यवस्था से जुड़े अन्य लोगों को बर्बाद कर देंगे।उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार हमारे किसानों के अधिकारों को लूट रही है।

मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि वह बुधवार को राजघाट पर कांग्रेस के विधायकों के एक रिले 'धरना' की अगुवाई करेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों द्वारा नाकाबंदी में ढील देने के बावजूद भारतीय रेलवे द्वारा मालगाड़ियों के परिचालन की अनुमति नहीं देने के कारण पंजाब कोयला, यूरिया और डीएपी और अन्य जरूरी चीजों की आपूर्ति नहीं होने के संकट से जूझ रहा है।

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