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किसान नेताओं पर दीप सिद्धू के आरोप! बोले- अगर परतें खोलना शुरू करूंगा तो भागने का रास्ता नहीं मिलेगा

Updated Jan 28, 2021 | 11:02 IST

ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा और भीड़ को लाल किले तक ले जाने को लेकर पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू निशाने पर हैं। उन्होंने अब वीडियो जारी कर सफाई दी है।

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अगर परतें खोल दी तो किसान नेता भाग भी नहीं सकेंगे- दीप
मुख्य बातें
  • ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा के दौरान खुद पर लगे आरोपों पर दीप सिद्धू ने दी सफाई
  • फेसबुक वीडियो जारी कर कहा, मेरे ऊप लगाए जा रहे हैं गद्दारी के आरोप
  • किसान नेताओं पर सवाल खड़े करते हुए दीप बोले- कर सकता हूं कई खुलासे

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के लेकर निशाने पर आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू ने फेसबुक के जरिए वीडियो जारी कर सफाई दी है। सिद्धू ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर किसान नेताओं की भूमिका पर ही सवाल उठाए हैं। दीप सिद्धू  ने कहा है कि उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग मुझे बीजेपी आरएसएस का एजेंट कह रहे हैं क्या वो बताएंगे कि ऐसा शख्स लाल किले पर निशान साहिब का झंडा लगाएगा?

मेरे खिलाफ फैलाई जा रही है नफरत

दीप सिद्धू ने कहा, 'मेरे खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है, मैं चुप हूं तांकि किसानों के खिलाफ कोई माहौल ना बनें। अब हम जिस पढ़ाव पर आ गए हैं उसके बाद मुझे ये लगता है कि कुछ बात करनी जरूरी है। 26 जनवरी की पहली रात को कई नौजवानों तथा अन्य लोगों ने स्टेज पर जाकर अपना रोष प्रकट किया था। इन लोगों ने कहा कि आप लोगों ने हमें दिल्ली जाने के नाम पर बुलाया औऱ अब सरकार के द्वारा मंजूर किए गए मार्गों पर चलने को कह रहे हो जो हमें मंजूर नहीं है। हालात ऐसे हो गए कि वहां गर्मागर्मी हो गईं। उस रात को मैंने कहा कि साझा फैसला लो, जो गलत नहीं हो सकता है लेकिन उस दिन किसी ने कोई फैसला नहीं लिया। जो रूट तय किया था उस पर हजार किसान भी नहीं थे।'


लालकिले पर थे लाखों लोग
सिद्धू ने कहा, 'जब हम लाल किला पहुंचे थे लाल किले पर पहुंचा तब तक गेट टूट चुका था और वहां हजारों लोगों की भीड़ खड़ी हुई थी। इसके बाद मैं वहां पहुंचा जिस रोड से पर सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर पहले से खड़े थे। मैं पैदल ही किले के अंदर पहुंचा था, वहां देखा तो कोई किसान नेता नहीं था. कोई भी वो व्यक्ति नहीं था जो बड़ी-बड़ी बातें कर रहे थेदिल्ली की गर्दन पर घुटना रख देंगे, लेकिन वहां पर कोई नहीं था... इसी बीच कुछ नौजवान मुझे पकड़कर ले गए कि भाई वहां चलो। वहां दो झंडे पड़े थे एक किसानी झंडा और दूसरा निशान साहिब. हमने सरकार के सामने गुस्सा जताने के लिए दोनों झंडे (निशान साहिब और किसान का झंडा) वहां लगा दिए. हमने तिरंगा नहीं हटाया था. हमें कोई डर नहीं है, क्योंकि हमने कुछ गलत नहीं किया है।'

किसान नेताओं पर सवाल

किसान नेताओं पर सवाल खड़े करते हुए दीप सिद्धू ने कहा, 'एक दिन पहले आप कहते हो कि दीप सिद्धू का कोई योगदान नहीं है, दूसरे दिन कहते हो कि दीप सिद्धू लोगों को ले गया.. इसे लेकर तो बदनीयती सामने आ रही है। आप लोगों ने जो फैसले आजतक लिए वो आपके अपने थे। आपमें अहंकार था और ऐसे में आपमें और सरकार में कोई अंतर नहीं था। अगर ऐसा ही रहा तो कल को कोई आपको समर्थन नहीं देगा और सरकार जो कहेगी वही होगा.. आप एक बात पर स्टैंड तक नहीं ले सकते हैं। 26 नवंबर को जब सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर सरकार को जगाया था ना उसी तरह 26 जनवरी को भी जगानी थी। दीप सिद्धू ने वहां पहुंचकर ट्रैक्टर पर लाइव किया था आप कह रहे हो कि वह बाइक से गया।' 

परत खोलने पर आ गया तो..

दीप सिद्धू ने आगे कहा, 'कई किसान नेता कह रहे हैं कि दीप सिद्धू ने हिंसा भड़काई, मैंने कौन सी हिंसा भड़काई, किसी की मौत हुई क्या? किसी के हाथपांव टूटे हैं क्या? अगर कोई आरएसएस का एजेंट है ना तो फिर बाहर था अंदर तो कई नहीं था। अंदर तो वह आदमी था जो सच्ची भावना के साथ वहां आया था। वहां तो संगत गई है। संगत के फैसले देखों और महसूस करो। आप एक बाइक की वीडियो देख कर कर सवाल उठा रहे हो, ऐसी मानसिकता है आपकी। अगर मैं चाहूं तो कई खुलासे कर सकता हूं, लेकिन ये समय नहीं है। लेकिन मैं सच को सामने रखूंगा, एक-एक बात सामने रखूंगा। आप लोग क्या समझ के बैठो हो? आप गद्दारी का सर्टिफिकेट बांट रहे हो.. मैं आपके हक की खातिर लड़ रहा हूं.. अगर मैं परते खोलने पर आ गया तो ना फिर भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।'

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