- उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी व लू की स्थिति है
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लोग झुलसा देने वाली गर्मी से बेहाल हैं
- राजस्थान के चुरू में पारा 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है
नई दिल्ली: देश के अधिकांश हिस्से भीषण गर्मी व लू के थपेड़ों से जूझ रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर सहित उत्तर भारत में देश के कमोवेश सभी शहरों का यही हाल है, जहां पारा 44-46 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। वहीं, राजस्थान के चुरू में अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, भीषण गर्मी व लू के थपेड़ों से अगले कुछ दिनों तक राहत की उम्मीद नहीं है।
लू के थपेड़ों ने किया हलकान
पिछले तीन-चार दिनों में उत्तर भारत के विभिन्न इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी की एक वजह पश्चिमोत्तर इलाके में लू चलने को भी बताया जा रहा है, जिसका असर दिल्ली के साथ-साथ राजस्थान, हरियाणा और यूपी के कई हिस्सों में भी देखा जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहा।
बेहाल कर देने वाली गर्मी
आईएमडी के अनुसार, भीषण गर्मी व लू की यह स्थिति बुधवार को भी बनी रहने वाली है। बुधवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की उम्मीद जताई गई है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पालम, लोधी रोड, आयानगर, दिल्ली यूनिवर्सिटी और सफदरजंग मौसम केन्द्रों ने अधिकतम तापमान 44-46 डिग्री बने सेल्सियस के आसपास बने रहने का अनुमान जताया गया है। साथ ही तेज गर्म हवाओं के साथ लू भी चलेगी।
कब मिलेगी राहत?
दिल्ली-एनसीआर में हालांकि लोगों को गुरुवार के बाद गर्मी से मामूली राहत मिल सकती है, जैसा कि आईएमडी ने 28 मई को आसमान में बादल छाए रहने और छिटपुट बारिश के अनुमान जताए हैं। इसके बाद अगले दो दिनों में धूलभरी आंधी चलने के आसार जताए गए हैं। साथ ही तापमान में गिरावट के अनुमान भी हैं। 29 और 30 मई को यहां अधिकतम तापमान क्रमश: 39 और 34 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार जताए गए हैं।
मौसम के मिजाज में आए इस बदलाव के कारण सबसे अधिक खामियाजा प्रवासी मजदूरों को भुगतना पड़ रहा है, जो अब भी बड़ी संख्या में अपने गृह राज्य जाने की बाट जोह रहे हैं और जगह-जगह क्वारंटीन सेंटर्स में जैसे-तैसे वक्त बिता रहे हैं। गर्मी व लू को देखते हुए लोगों को घरों से कम से कम और बहुत जरूरत होने पर ही बाहर निकलने की सलाह दी जा रही है।