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राज्यसभा की 16 सीटों पर चुनाव लेकिन चार सीटों पर मुकाबला दिलचस्प

Updated Jun 10, 2022 | 09:28 IST

राज्यसभा की 16 सीटों के लिए मतदान जारी है। देर शाम तक नतीजों का ऐलान भी कर दिया जाएगा। इन सबके बीच चार ऐसी सीटें है जिस पर मुकाबला खास है।

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राज्यसभा की 16 सीटों पर चुनाव

राज्यसभा की सभी 16 सीटों के लिए मतदान शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और राजस्थान में चुनाव हो रहे हैं। जयपुर में तो क्रॉस वोटिंग से बचने के लिए इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। इन सभी 16 सीटों पर अलग अलग दलों के खास चेहरे हैं। लेकिन चार ऐसी सीटें हैं जिस पर हर किसी की नजर है। हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र में एक एक सीट पर लड़ाई तगड़ी है। इन राज्यों में चाहे बीजेपी हो, चाहे कांग्रेस हो या अन्य दल सबके सामने चुनौती है। 

राजस्थान की एक सीट, सभाष चंद्रा या प्रमोद तिवारी
पहले बात करते हैं राजस्थान की। यहां पर कांग्रेस विधायकों की संख्या 108 और बीजेपी के पास 71 विधायक हैं। जीत हासिल करने के लिए 41 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। अगर सीटों की संख्या को देखें तो बीजेपी का एक सांसद और कांग्रेस के दो सांसदों की जीत सुनिश्चित हैं लेकिन मामला तीसरी सीट का है। कांग्रेस ने कुल तीन उम्मीदवार उतारे हैं। रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी की जीत के लिए कुल 123 विधायकों की जरूरत होगी। लेकिन कांग्रेस के पास 15 विधायकों की कमी है। यह बात अलग है कि कांग्रेस का दावा 126 विधायकों का है। अगर ऐसा है तो तोड़फोड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अब बात करते हैं बीजेपी की। बीजेपी ने सिर्फ एक उम्मीदवार घनश्याम तिवारी को उतारा है। विधायकों की संख्या के हिसाब से उनका चुनाव तय है। लेकिन सुभाष चंद्रा के मैदान में आने के बाद मुकाबला दिलचस्प हो गया है। सुभाष चंद्रा को बीजेपी ने समर्थन दिया है ऐसे में लड़ाई दिलचस्प है। 

फंस सकती है कांग्रेस की सीट
हरियाणा में विधायकों की कुल संख्या 90 है। राज्यसभा की दो सीटों पर हो रहे चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कम 31 विधायकों के समर्थन की जरूरत एक उम्मीदवार को होगी। कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं इसका अर्थ यह है कि उनका एक कैंडिडेट चुनाव जीत जाएगा। लेकिन अगर किसी विधायक ने क्रॉस वोटिंग की या वोटिंग अमान्य मानी गई तो अजय माकन की सीट फंस जाएगी। बात करते हैं कि बीजेपी की तो उनके पास 40 विधायक हैं और घटक दल जेजेपी के पास 10 विधायक। यानी कि कृष्ण लाल पंवार की जीत तय है। उसके बाद  पास बीजेपी के पास 9 अतिरिक्त विधायक बचेंगे। बता दें कि जेजेपी ने भी निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा का समर्थन किया है। जेजेपी के 8 विधायक और एक निर्दलीय MLA तो शर्मा के प्रस्तावक भी हैं। अगर देखें तो हरियाणा में कांग्रेस की सीट फंसी हुई है। 

एक सीट पर बीजेपी या एमवीए
अब बात करते हैं महाराष्ट्र की यहां पर  बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार की वजह से चुनाव दिलचस्प है। राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव होने हैं। जीत के लिए कम से कम 42 विधायकों के वोट की जरूरत पड़ेगी। विधायकों की संख्या के मुताबिक 3 सीटें महाविकास अघाड़ी और 2 सीटें बीजेपी आसानी से जीत सकती है।  लेकिन बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार की वजह से लड़ाई कांटे की है। महा विकास अघाड़ी की तरफ से शिवसेना के संजय राउत और संजय पंवार, एनसीपी से प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी मैदान में हैं। बीजेपी की ओर से पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महादिक हैं। एमवीए में शिवसेना के 55, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। 84 विधायकों के जरिए बीजेपी आसानी से 2 सीटें जीत जाएगी। तीसरी सीट के लिए उसके पास 22 विधायक बचेंगे और 20 विधायकों के समर्थन की जरूरत और  होगी। एक सीट जीतने के बाद शिवसेना के पास अपने दूसरे उम्मीदवार के लिए 13 विधायक बच रहे हैं इसका अर्थ यह है कि लिए 29 और विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी।

जेडीएस के लिए परेशानी
कर्नाटक में  चौथी सीट के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने एक्स्ट्रा उम्मीदवार उतारे हैं और इसकी वजह से जेडीएस के एकमात्र उम्मीदवार की सीट फंसती नजर आ रही है। कर्नाटक में जीत के लिए 45 विधायकों के वोटों की जरूरत है। 122 विधायकों के साथ बीजेपी अपने दो उम्मीदवारों निर्मला सीतारमण और एक्टर जग्गेश की जीत तो पक्का कर लेगी। लेकिन तीसरे उम्मीदवार लहर सिंह सिरोया के लिए उसके पास महज 32 वोट बचेंगे यानी जीत के लिए 13 और वोटों की जरूरत होगी। अगर बात कांग्रेस की करें तो 70 विधायक हैं। जयराम रमेश आसानी से जीत जाएंगे, लेकिन दूसरे उम्मीदवार मंसूर अली खान के सामने चुनौती है।

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