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AK-47 से भी खतरनाक AN-94, मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल, 900 मीटर/ सेकंड के स्पीड से लगती है गोली

Updated Jun 01, 2022 | 14:52 IST

AN-94 Assault Rifle and Its Power: AN-94 की एक खासियत उसे कई राइफल से बेहद अलग बनाती है। असल में इसमें बर्स्ट फायर करते वक्त दो गोलियां एक साथ निकलती हैं। इसी वजह से सामने वाले को एक साथ दो गोलियां लगती हैं। जिसकी वजह से टारगेट का बचना बेहद मुश्किल हो जाता है।

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पाकिस्तान से AN-94 राइफल की सप्लाई !
मुख्य बातें
  • AN-94 से हर मिनट 900 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 600 राउंड गोलियां फॉयर की जा सकती है।
  • AN-94 को AK-74 से रिप्लेस करने के लिए बनाया गया था।
  • AK-47 से निकलने वाली गोलियों की स्पीड 715 मीटर प्रति सेकेंड होती है।

AN-94 Assault Rifle and Its Power: सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder)की हत्या में रूस की बनी  AN-94 राइफल का इस्तेमाल हमलावरों ने किया था। पुलिस के अनुसार मूसेवाला की हत्या में तीन AN-94 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया गया। मानसा के सिविल अस्पताल में 5 डॉक्टरों के पैनल ने जब मूसेवाला का पोस्टमॉर्टम किया तो उनके शरीर में दो दर्जन से अधिक गोलियों के निशान पाए गए। हमलावरों ने करीब 30 राउंड फायरिंग की थी । और यह सब हमलावरों ने चंद मिनटो में किया था। असल में मूसेवाला का सुरक्षा में मौजूद सुरक्षाकर्मी के पास AK-47 राइफल थी। ऐसे में हमलावरों ने न केवल उनके अकेले होने का इंतजार किया बल्कि AK-47 से पॉवरफुल AN-94 असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल कर, मूसेवाला की हत्या की साजिश को फुलप्रूफ कर दिया।

AN-94 की एक खासियत उसे कई राइफल से बेहद अलग बनाती है। असल में इसमें बर्स्ट फायर करते वक्त दो गोलियां एक साथ निकलती हैं। इसी वजह से सामने वाले को एकसाथ दो गोलियां लगती हैं। जिसकी वजह से टारगेट का बचना बेहद मुश्किल हो जाता है। मूसेवाला के साथ भी ऐसा हुआ है।

स्रोत: यूट्यूब

क्यों खास है AN-94

गन्स फैंडम के अनुसार AN-94  एव्तोमैट निकोनोवा (Avtomat Nikonova) मॉडल 1994 है। इसका नाम इसके चीफ डिजाइनर गेनाडी निकोनोवा के नाम पर पड़ा है, जिन्होंने इससे पहले निकोनोव मशीन गन बनाई थी। AN-94 को AK-74 को रिप्लेस करने के लिए बनाया गया था। ऑटोमैटिक मोड में इस रूसी राइफल से हर मिनट 900 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से 600 राउंड गोलियां फॉयर की जा सकती है।700 मीटर फायरिंग रेंज वाली एएन-94 से बर्स्ट मोड में 1800 गोलियां एक साथ दागी जा सकती हैं। इस घातक राइफल में 30 से 45 कारतूसों वाली मैगजीन लगती है, साथ ही इसमें 60 राउंड वाली मैगजीन भी लगती है। AN-94 असॉल्ट राइफल का वजन 3.85 किलोग्राम है। इसकी कुल लंबाई 943 मिलीमीटर है।

AK-47 से कितनी अलग

AN-94 की सबसे बड़ी खासियत उसे बर्स्ट फायर करते वक्त एक साथ दो गोलियों का निकलना है। इसके अलावा इसकी गोलियों की स्पीड भी इसे AK-47 से घातक बनाती है। AN-94 से निकलने वाली गोलियों की स्पीड 900 मीटर प्रति सेकेंड होती है, जबकि AK-47से निकलने वाली गोलियों की स्पीड 715 मीटर प्रति सेकेंड होती है। इसी तरह AN-94 की रेंज 700 मीटर है, जबकि AK-47 की 350 मीटर रेंज है। इसके अलावा यह AK-47की तुलना में करीब एक किलो ग्राम हल्की है। AN-94 असॉल्ट राइफल का वजन 3.85 किलोग्राम है, जबकि AK-47 का वजन 4.8 किलोग्राम है। इन सब खासियतों के होने के बावजूद उसके रख-रखाव का खर्च महंगा होने के कार अब रूसी सेना ने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया है।

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पाकिस्तान से गैंगस्टर को सप्लाई !

AN-94 असॉल्ट राइफल जैसे घातक हथियार की तस्करी पाकिस्तान से की जा रही है। जो कि ड्रोन के जरिए भी भारत में हथियारों को पहुंचा रहा है। और सीमा से  सटे पंजाब के गैंगस्टर उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में पंजाब पुलिस के लिए इन हथियारों की जब्ती भी बड़ी चुनौती है। खास तौर पर जब मूसेवाला की हत्या से ये तो साफ हो चुका है कि गैंगस्टर बड़े पैमाने पर वसूली या रंगदारी का खेल कर रहे हैं। गैंग्सटर उन जगहों पर अपना दखल बढ़ा रहे हैं, जहां पर पैसों का वसूली आसानी से की जा सके। अगर पिछले कुछ मामलों को देखा जाय तो  गैंगस्टर के निशाने पर कबड्डी से जुड़े लोग और गायक निशाने पर हैं।

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