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National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया-राहुल को समन, 8 जून को ED ने पूछताछ के लिए बुलाया

Updated Jun 01, 2022 | 14:18 IST

National Herald Case: इस समन पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए सरकार एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है।

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मुख्य बातें
  • 1956 में एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड को कंपनी के रूप में स्थापित किया गया
  • 2008 में 'एजेएल' के सभी प्रकाशन बंद हुए, कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ा
  • यंग इंडिया लिमिटेड ने एजेएल को 90 करोड़ रु. कर्ज दिया, फिर इसका अधिग्रहण किया

National Herald Case: नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है। कांग्रेस के इन दोनों नेताओं को पूछताछ के लिए आठ जून को बुलाया गया है। राहुल गांधी अभी विदेश दौरे पर हैं। वह पेश होने के लिए जांच एजेंसी से कुछ वक्त देने की मांग सकते हैं। इस मामले में कुछ दिनों पहले ईडी पवन बंसल से पूछताछ कर चुका है। वहीं, इस समन पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।

राजनीतिक विरोधियों को डरा रही है सरकार-सिंघवी
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने के लिए सरकार एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है। सिंघवी ने कहा कि सरकार अपने हर राजनीतिक विरोधी को सरकार डरा-धमका रही है। वह नहीं चाहती कि देश के ज्वलंत मुद्दों पर आम लोगों का ध्यान जाए। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 'मोदी सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है।'  

कानून से ऊपर नहीं है गांधी परिवार-मालवीय
भाजपा के मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि गांधी परिवार देश के कानून से ऊपर नहीं है। कांग्रेस यह कभी नहीं मानेगी कि उसके नेताओं ने गबन किया। जांच एवं पूछताछ में जो तथ्य सामने आएंगे उसके बारे में लोगों को पता चलेगा। यह मामला काफी दिनों से चल रहा है। इस केस में कांग्रेस के अन्य नेताओं से पूछताछ हो चुकी है। मालवीय ने कहा, 'जनता के फंड का इस्तेमाल अपने हित में उन्होंने कैसे किया, जांच एजेंसी इसके बारे में उनसे पूछताछ करेगी।'  

क्या है मामला
आजादी के बाद 1956 में एसोसिएटेड जर्नल को अव्यवसायिक कंपनी के रूप में स्थापित किया गया। कंपनी एक्ट की धारा 25 के अंतर्गत इसे कर मुक्त कर दिया गया था। लेकिन 2008 में 'एजेएल' के सभी प्रकाशनों को निलंबित कर दिया गया और कंपनी पर 90 करोड़ रुपए का कर्ज भी चढ़ गया। इसके बाद 
2010 में 'यंग इंडिया' कंपनी बनाई गई है। इस कंपनी का 75 फीसदी मालिकाना हक सोनिया एवं राहुल गांधी के पास है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने इस कंपनी को 90 करोड़ रुपए बतौर कर्ज दिया और फिर बाद में इस कंपनी ने 'एजेएल' का अधिग्रहण कर लिया। साल 2012  में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने  एक याचिका दायर कर कांग्रेस के नेताओं पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' ने सिर्फ 50 लाख रुपयों में 90.25 करोड़ रुपए वसूलने का तरीका निकाला जो 'नियमों के खिलाफ' है। 

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