- भारत-चीन तनाव के समय सेना ने देश का मस्तक ऊंचा कर दिया
- सेना ने साहस और शौर्य का असाधारण परिचय पेश किया
- भारत किसी देश के साथ तनाव नहीं चाहता लेकिन छेड़े जाने पर अंजाम तक पहुंचेगा
नई दिल्ली। राजनीतिक और सामरिक विषयों के जानकार कहते हैं कि दो शक्तिशाली देशों के बीच सामांजस्य बन पाना आसान काम नहीं होता है। उसके पीछे की वजह वो बताते हैं कि शक्तिशाली होने की वजह से विस्तारवाद की भावना पनपती है। अगर जानकारों की इस तरह की राय को चीन के संदर्भ में देखा जाए तो गलत ना होगा। भारत, चीन के बीच सीमा विवाद ऐतिहासिक तौर पर कायम है। चीन की तरफ से गुस्ताखी भी की गई है। लेकिन इस दफा लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में चीन की हरकत का जिस तरह से भारत ने जवाब दिया उसके बाद उसके रणनीतिकार भी भौचक्के रह गए। इन सबके बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को चेताया कि अगर मंसूबे नापाक होंगे तो अंजाम अच्छा नहीं होगा।
गलवान में भारतीय फौज का असाधारण प्रदर्शन
लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान का जिक्र किया और कहा कि भारतीय फौज ने बहादुरी का अप्रतिम उदाहरण पेश किया। जिस साहस और शौर्य का परिचय जवानों ने दिखाया वो सराहनीय है उसकी वजह से साहस और बढ़ा है केंद्रीय कमांड लखनऊ में अस्पताल के शिलान्यास के मौके पर उन्होंने कहा कि यह निर्माण संदेश दे रहा है कि अगर बीता वर्ष चुनौतियों से भरा हुआ था तो यह वर्ष समाधान का है। अगर पिछला साल निराशा से भरा हुआ था तो यह वर्ष उम्मीद का है।
तथाकथित सुपरपावर को दी थी चेतावनी
आर्मी डे से एक दिन पहले राजनाथ सिंह ने चीन का नाम नहीं लिया। लेकिन जिस तरह से कहा कि एक अपने आपको सुपरपावर कहने वाला देश एलएसी पर तनाव के लिए जिम्मेदार है उसके साथ हम किस तरह से आगे बढ़ेंगे उसे पता है। भारत का स्पष्ट मत है कि वो सभी देशों के साथ शांति चाहता है खासतौर से पड़ोसियों के साथ किसी तरह की टकराव नहीं चाहता है। लेकिन अगर भारत की संप्रभुता पर किसी तरह की चोट की जाएगी तो हम जवाब देने के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान और चीन से कर सकते हैं संयुक्त मुकाबला
इससे पहले आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने कहा था कि भारत के लिए चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी खतरनाक है। लेकिन जिस तरह से पाकिस्तान और चीन दोनों को जवाब दिया गया है वो आगे क्या हो सकता है उसकी बानगी थी। आज हम इस स्थिति में हैं संयुक्त ताकत का
मुकाबला कर सकते हैं। इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।