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कांग्रेस ‘बीमार’, दुआ नहीं दवा चाहिए पर 'कंपाउंडर' कर रहे इलाज- आजाद का प्रहार; राहुल पर कही यह बात

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Aug 29, 2022 | 15:35 IST

Ghulam Nabi Azad on Congress and Rahul Gandhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी आजाद ने पलटवार किया। पूर्व पार्टी चीफ राहुल गांधी का नाम लिए बगैर वह बोले- जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं?

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तस्वीर साभार:&nbspIANS
मीडिया वालों से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद। (फाइल)
मुख्य बातें
  • कांग्रेस में कुछ भी होने वाला नहीं, हर दिन डूबती जा रही: गुलाम नबी
  • "अपने त्यागपत्र में जिन बातों का उल्लेख किया, वे समुद्र की एक बूंद भर"
  • बोले- लगता था पीएम मोदी निर्मम हैं, पर उन्होंने दिखाई इंसानियत

Ghulam Nabi Azad on Congress and Rahul Gandhi: कांग्रेस छोड़ चुके जम्मू और कश्मीर के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने अपने पुराने दल को बीमार करार दिया है। उन्होंने सोमवार (29 अगस्त, 2022) को कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर तीखा प्रहार किया। दो टूक कहा कि बीमारू कांग्रेस को दुआ नहीं बल्कि दवा की जरूरत है। पार्टी का इस स्थिति में इलाज ‘कंपाउंडर कर रहे हैं। उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउडर हैं।

26 अगस्त, 2022 को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा देने वाले आजाद ने यह भी कहा कि कांग्रेस की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है। उनका आरोप था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कागज की इमारत बनाओगे तो वह हवा से गिर जाएगी या आग से जल जाएगी। ऐसे चुनाव करने से क्या फायदा होगा....यह सब फर्जी है।’’

तंज कसते हुए आगे कहा, ‘‘बैंक लुट गया तो महाप्रबंधक बदलने से क्या होगा? कांग्रेस की हालत यह है कि पार्टी के भीतर कांग्रेसजन कोई है नहीं, सब दूसरे दलों में भाग गए हैं।’’ ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव और कई अन्य युवा नेताओं के कांग्रेस छोड़ने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘सबसे ज्यादा ‘राहुल टीम’ के लोग भागे हैं। हम तो इंदिरा गांधी के टीम से हैं।’’

आजाद के अनुसार, "जी-23 (कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं का गुट) की ओर से अगस्त 2020 में खत लिखे जाने के कारण वह कांग्रेस नेतृत्व और उसके करीबी लोगों की आंखों खटकने लगे थे। मोदी-वोदी (पीएम मोदी) सब बहाना है। इनकी आंखों में हम खटकते हैं क्योंकि हमने पत्र लिखा। इनको लगता है कि इन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता...पत्र लिखने के बाद से मैं इन्हें खटक रहा था।"

दरअसल, उनकी यह टिप्पणी कांग्रेस के उस पलटवार पर आई, जिसमें उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया गया था। कहा गया था कि आजाद का ‘डीनएनए मोदी-मय’ हो गया है। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी आजाद ने पलटवार किया। पूर्व पार्टी चीफ राहुल गांधी का नाम लिए बगैर वह बोले- जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं? यही नहीं, उन्होंने राहुल पर ‘‘अपरिपक्व और बचकाने’’ व्यवहार का आरोप भी मढ़ा।

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