- चौथे चरण के लॉकडाउन की गाइडलाइंस में कई तरह के बदलाव
- गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस में आरोग्य सेतु एप की अनिवार्यता को किया गया वैकल्पिक
- राज्यों को पहले की तुलना में दिए गए हैं ज्यादा अधिकार
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने रविवार को चौथे चरण के लॉकडाउन के दिशा निर्देश जारी किए। इस दौरान गृह मंत्रालय की तरफ से कई गाइडलाइंस जारी की गई तो पिछली बार की तुलना में थोड़ा अलग है लॉकडाउन के चौथे चरण के दिशानिर्देशों में सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप से जुड़े नियम को सरल बना दिया है। सरकार ने इस ऐप को डाउनलोड करने की अनिवार्यता खत्म करके इसे वैकल्पिक कर दिया है।
गृह मंत्रालय ने गिनाए फायदे
दरअसल सरकार ने कोरोना संक्रमण की निगरानी के लिए आरोग्य सेतु एप को विकसित किया है जो एक ट्रैकर की तरह काम करता है। गृह मंत्रालय के रविवार को जारी नए दिशानिर्देशों में सरकार ने एप के फायदों को गिनाते हुए कहा है कि यह ऐप कोरोना वायरस के संभावित जोखिम का पहले से पता लगाने में मदद करता है और व्यक्तियों और समाज के सुरक्षा कवच की तरह है।
एक मई को बताया था अनिवार्य
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, ‘कार्यालयों और कार्यस्थलों पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियोक्ताओं को सभी कर्मचारियों के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिए।’ ये उस दिशानिर्देशों के विपरीत है जो एक मई को जारी किए थे। तब सरकार ने कहा था कि आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करना अनिवार्य है।
राज्यों को ज्यादा अधिकार
रविवार को जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक जिला प्रशासन के पास यह अधिकार होगा कि वह किसी व्यक्ति को यह ऐप डालने के लिए परामर्श दे सकता है। साथ ही नियमित आधार पर उसके स्वास्थ्य की निगरानी रख सकता है। 31 मई तक लागू इस लॉकडाउन में इस बार केंद्र सरकार ने राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक, राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश तय मानदंडों के आधार पर अपने हिसाब से अब ‘रेड’, ‘ऑरेंज’ और ‘ग्रीन’ जोन तय कर सकेंगे।