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Gyanvapi Masjid Survey: ज्ञानवापी मामले से एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाया गया, जानें क्या रहीं उन्हें हटाने की वजह-VIDEO

Updated May 17, 2022 | 18:04 IST

Advocate Commissioner Ajay Mishra removed: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में वाराणसी कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र को हटा दिया है।

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नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वे के लिये एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किये गये अजय मिश्रा को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को स्थानीय कोर्ट ने पद से हटा दिया। सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय सिंह ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया है।

हालांकि मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने बताया कि अजय मिश्रा अदालत के तमाम निर्देशों के बावजूद मीडिया में सूचनाएं लीक कर रहे थे, इसलिये अदालत ने सख्त रुख दिखाते हुए मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर पद से हटा दिया।

चीफ एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं,कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक दिन की मोहलत दे दी है, मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।

एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने की ये रहीं वजहें- 

  • कहा जा रहा है कि कोर्ट ने  यह पाया कि अजय मिश्र ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए प्राइवेट वीडियोग्राफर रखा था और वो लगातार मीडिया में केस से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात रख रहे थे, इस कारण उन्हें कार्यमुक्त करने का फैसला लिया गया। 
  • कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एडवोकेट कमिश्नर की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा होती है। उनके सहयोगी आरपी सिंह हिदायत के बावजूद मीडिया में बातें लीक कर रहे थे।
  • मुस्लिम पक्ष मिश्रा पर पहले से ही पक्षपात का आरोप लगाता रहा है। उसने सात मई को सर्वे के दूसरे ही दिन मिश्रा पर आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की अर्जी कोर्ट में दी थी। हालांकि कोर्ट ने  इसे नामंजूर करते हुए मिश्रा के सहयोग के लिये एक विशेष और एक सहायक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की थी।
  • कोर्ट ने  मिश्रा को सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने से रोक दिया है और यह जिम्मेदारी विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह को सौंप दी है। 
  • कोर्ट ने बाकी दो कमिश्नरों को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत भी दे दी है विशेष कमिश्नर विशाल सिंह और अजय प्रताप सिंह अब दो दिन में सर्वे रिपोर्ट पूरी कर रिपोर्ट दाखिल करेंगे। 

गौरतलब है कि अजय मिश्रा के ही नेतृत्व में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कार्य सोमवार को पूरा किया गया था। सर्वे के अंतिम दिन हिन्दू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में एक शिवलिंग मिला है। मगर मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए इस दावे को गलत बताया था कि मुगल काल की तमाम मस्जिदों में वजूखाने के ताल में पानी भरने के लिये नीचे एक फौव्वारा लगाया जाता था और जिस पत्थर को शिवलिंग बताया जा रहा है, वह फौव्वारे का ही एक हिस्सा है।

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