नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा दायर दीवानी मानहानि मामले में कांग्रेस नेताओं जयराम रमेश, पवन खेड़ा और नेट्टा डिसूजा को शुक्रवार को समन जारी किया। केंद्रीय मंत्री ईरानी ने उनके और उनकी बेटी के खिलाफ कथित रूप से निराधार आरोप लगाने को लेकर दो करोड़ रुपये से अधिक के हर्जाने की मांग की है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा ने ईरानी और उनकी बेटी पर लगे आरोपों के संबंध में कांग्रेस नेताओं को सोशल मीडिया से ट्वीट, रीट्वीट, पोस्ट, वीडियो और तस्वीरें हटाने का भी निर्देश दिया।
कोर्ट ने कही ये बात
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अगर प्रतिवादी 24 घंटे के भीतर उसके निर्देशों का पालन नहीं करते, तो सोशल मीडिया मंच ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब स्वयं इससे संबंधित सामग्री हटा दें। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में "अवैध बार" चलाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ईरानी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी। इसके बाद ईरानी ने यह कानूनी कार्रवाई की। कांग्रेस लगातार स्मृति इरानी पर इस मामले को लेकर हमले कर रही है।
आरोप और कानूनी कार्रवाई
कांग्रेस नेताओं ने स्मृति ईरानी पर आरोप लगाने के बाद सरकार से उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की थी। हालांकि स्मृति इरानी ने खुद पर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया था और इसके बाद कोर्ट का रूख किया था। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेताओं से लिखित में बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा था और अपनी 18 वर्षीय बेटी के खिलाफ लगाए गए आरोपों को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की भी मांग की थी। हालांकि कांग्रेस नेताओं ने उनकी मांग को नजरंदाज कर दिया था। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया था कि स्मृति ईरानी की 18 वर्षीय बेटी गोवा में ‘अवैध बार’ चला रही है। इरानी ने कहा था कि उसकी बेटी एक कॉलेज की छात्रा है और कोई बार नहीं चलाती है।