डॉ. चंद्रमोहन। कोरोना जैसे खतरनाक वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। देशभर में संक्रमित मरीजों की संख्या 44,65,864 हो गई है। केंद्र सरकार के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश सरकार संक्रमण को रोकने का हर संभव प्रयास कर रही है। भारत ही नहीं पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। संकट की इस घड़ी में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले और व्यवस्थाओं की चर्चा हर तरफ हो रही है। इस दौरान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी की पूरी मशीनरी कोरोना को खत्म करने की जिस जिद से लड़ रही है, उसकी सराहना जरूरी है। तीन साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार अपनी क्षमाताओं और योग्यताओं को प्रदर्शित किया है और एक बार फिर उन्होंने खुद को साबित कुशल शासक और असली नायक के रूप में साबित कर दिया है।
योगी आदित्यनाथ भारत की सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेश के मुखिया हैं और उत्तर प्रदेश का जनसंख्या घनत्व भी अधिक है। पूरे देश में सबसे ज्यादा प्रवासी करीब 35 लाख उत्तर प्रदेश में ही आए। अपने साथ बड़ी संख्या में संक्रमण भी लेकर आए उन्हें भी संभालना था। इस बड़ी आबादी को महामारी से बचाना भी था उन्हें रोजगार भी दिलाना था भरण पोषण की व्यवस्था भी करनी थी। ऐसे में इस राज्य के सामने चुनौतियां भी अधिक हैं और यही वजह है कि स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश की 24 करोड़ जनता की देखभाल में जुटे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक तरफ कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए कठोर फैसले और सुगम व्यवस्थाएं कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रदेश के गरीब, मजदूर और निराश्रितों के लिए चिंतित भी हैं। वह जानते हैं कि कोरोना वायरस के चलते प्रदेश के सभी कार्य बंद हैं, तो दैनिक मजदूर जीवन यापन कैसे करेंगे? इस संदर्भ में सरकार का उनके हितों के बारे में सोचना यह साबित करता है कि योगी आदित्यनाथ ने किसी वर्ग, धर्म, जाति से ऊपर उठकर गरीबों के जीवन की चिंता की है।
राज्य सरकार जनता को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रखने तथा कोविड-19 की बेहतर उपचार व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद लखनऊ, कानपुर नगर तथा प्रयागराज में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में वृद्धि किए जाने के निर्देश दिए हैं। उनके निर्देश पर एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालय में बेड्स की संख्या में वृद्धि की जा रही है। यूपी कोरोना से जंग पूरी मजबूती से लड़ रहा है। प्रदेश में 4 कोविड डेडिकेटेड अस्पताल तैयार किए गए हैं। हाल ही में सीएम योगी ने गोरखपुर में 300 बेड का लेवल-3 कोविड अस्पताल शुरू किया। उससे पहले गोंडा में 160 बेड का कोविड अस्पताल शुरू किया तो लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में 320 बेड के कोविड अस्पताल का उद्घाटन सीएम ने किया। इस हॉस्पिटल में एक ही छत के नीचे सारी व्यवस्थाएं दी गई हैं जिसमें 100 ICU, 6 PICU और 6 NICU के साथ 4 ऑपेरशन थियेटर और एक लेबर रूम भी बनाया गया है।
एनसीआर को कोरोना से निपटने में सक्षम बनाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के सेक्टर-39 में बने 420 बेड्स वाले कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मानते हैं कि कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ाई 1-2 दिन या 1 माह की नहीं है। यह लंबी लड़ाई होगी और यह एक अवसर है कि इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में यूपी के स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा को मजबूत बना दिया जाए। इसी अभियान के तहत आज प्रदेश में सेनिटाइजर बन रहा है और देशभर में सप्लाई हो रहा है। वहीं लाखों की संख्या में मास्क, पीपीई किट आदि यूपी में तैयार किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सीएम योगी आपदा को अवसर में बदलने की दिशा में काम करते नजर आ रहे हैं।
कोविड टेस्ट मामले में यूपी लगातार रिकॉर्ड बना रहा है और अब तक यूपी में सर्वाधिक कोरोना जांच की गई हैं। वहीं यूपी देश में सबसे ज्यादा टेस्ट कर रहा है जबकि पॉजिटिविटी रेट राष्ट्रीय औसत से आधा है। यह रेट प्रति सौ पॉजिटिव रेट के आधार पर है। मृत्यु दर भी नेशनल एवरेज से काफी कम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को कार्ययोजना बनाकर मेडिकल स्क्रीनिंग का वृहद अभियान संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
वास्तव में, 23 करोड़ जनता की कोरोना से सुरक्षा, 20 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों की सकुशल घर वापसी, विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के लाखों अवसर तैयार करना, आर्थिक विकास की योजनाओं से जुड़े फैसलों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी अलग छवि गढ़ दी है। कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग तथा मेडिकल टेस्टिंग के कार्य जिस प्रभावशाली ढंग से संचालित किया जा रहा है, वह यूपी जैसे राज्य में होना कल्पनातीत था लेकिन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में संभव हुआ।
जिस राज्य में कोरोना के शुरुआती दिनों में महज एक टेस्टिंग लैब हुआ करती थी, आज 234 कोविड टेस्टिंग लैब 24×7 क्रियाशील हैं। यूपी में डेढ़ लाख से अधिक बेड केवल कोरोना के लिए आरक्षित हैं। एक ओर जहां विभिन्न राज्यों से आंकड़े छिपाने की खबरें आ रहीं हैं, वहीं यूपी सरकार के अधिकारी हर दिन की वस्तुस्थिति से आमजन को अवगत भी करा रहे हैं।
(लेखक डॉ. चंद्रमोहन, भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के मंत्री हैं।)
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