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Hammer: 'हैमर' के प्रहार से चकनाचूर होंगे दुश्मन के इरादे, फ्रांस से पहुंचने वाली है इसकी पहली खेप

Updated Nov 06, 2020 | 11:27 IST

भारत ने 59,000 करोड़ रुपए की लागत से फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का सौदा सितंबर 2016 में किया। भारतीय वायु सेना को अब तक 8 राफेल मिल चुके हैं। इनमें से पाच राफेल गत 29 जुलाई को और तीन पिछले बुधवार को पहुंचे।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
फ्रांस से पहुंचने वाली है हैमर हथियारों की खेप।
मुख्य बातें
  • ऊंची पहाड़ियों एवं दुर्गम इलाकों में मार करने में काफी कारगर है 'हैमर'
  • फ्रांस से अगले महीने पहुंचेगी इसकी खेप, राफेल लगेंगे ये हथियार
  • भारत को अब तक मिल चुके हैं 8 राफेल लड़ाकू विमान, 36 का हुआ है सौदा

नई दिल्ली : फ्रांस से भारत पहुंच चुके राफेल लड़ाकू विमान राफेल की मारक क्षमता में और इजाफा होने जा रहा है। सीमा पर चीन के साथ जारी तनाव के बीच ये लड़ाकू विमान आने वाले दिनों में 'हैमर' हथियार से लैस होंगे। 'हैमर' का पूरा नाम 'हाइली एजाइल मॉड्युलर म्यूनिशिन एक्सटेंडेड रेंज' है। फ्रांस से 'हैमर' की पहली खेप अगले महीने भारत पहुंचने की उम्मीद है। दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में शामिल राफेल मीटियोर, स्कल्प और हैमर जैसे हथियारों एवं मिसाइलों से लैस हो जाने के बाद बेहद घातक हो जाता है।    

राफेल की मारक क्षमता बढ़ जाएगी
मीडिया रिपोर्टों रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले  से कहा गया है कि फ्रांस से 'हैमर' की पहली खेप दिसंबर महीने में पहुंच जाएगी। बता दें कि फ्रांस से अब तक आठ राफेल भारत पहुंच चुके हैं। फ्रांस से कुल 36 राफेल भारत को मिलने हैं। 'हैमर' की मारक क्षमता 20 से 70 किलोमीटर है। यह हथियार हिमालय की दुर्गम एवं ऊंची पहाड़ियों पर स्थित दुश्मन के बंकरों, छिपने के स्थलों एवं ठिकानों को नष्ट करने में अहम भूमिका निभाएगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इनसे राफेल की मारक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हो जाएगी। सूत्र का कहना है कि 'हैमर' की आपूर्ति के लिए फ्रांस के साथ पिछले महीने करार हुआ और उसने आपूर्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

फ्रांस से हुआ है 36 राफेल का सौदा
भारत ने 59,000 करोड़ रुपए की लागत से फ्रांस से 36 राफेल खरीदने का सौदा सितंबर 2016 में किया। भारतीय वायु सेना को अब तक 8 राफेल मिल चुके हैं। इनमें से पाच राफेल गत 29 जुलाई को और तीन पिछले बुधवार को पहुंचे। बताया जाता है कि राफेल की खेप दो से तीन महीने के अंतराल पर भारत पहुंचती रहेगी। राफेल स्टील्थ फीचर वाली 4,5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है। 

अपनी काबिलियत साबित कर चुका है राफेल
राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की दसॉल्ट एविएशन ने किया है। यह लड़ाकू विमान अफगानिस्तान, लीबिया और अन्य युद्ध अभियानों में अपनी बिलियत साबित कर चुका है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि राफेल के टक्कर का विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं है। चीन अपने लड़ाकू विमान जे-20 के बारे में बढ़ चढ़कर दावे करता है लेकिन इसकी क्षमता पर संदेह जताया जाता है। राफेल की खूबियां उसे खास बना देती हैं। वह अपने भार से डेढ़ गुना ज्यादा वजन के साथ उड़ान भर सकता है। 

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