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'LAC पर कोई बदलाव स्‍वीकार नहीं, अपनी करनी भुगत रही PLA', बिपिन रावत का चीन को कड़ा संदेश

Updated Nov 06, 2020 | 12:14 IST

India China news: पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन तनाव के बीच सीडीएस प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह का बदलाव स्‍वीकार नहीं किया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
'LAC पर कोई बदलाव स्‍वीकार नहीं, अपनी करनी भुगत रही PLA', बिपिन रावत का चीन को कड़ा संदेश
मुख्य बातें
  • सीडीएस प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि LAC पर कोई बदलाव स्‍वीकार नहीं किया जाएगा
  • चीन को कड़ा संदेश देते हुए उन्‍होंने कहा कि PLA अपने दुस्‍साहस का खामियाजा भुगत रही है
  • उन्‍होंने कहा किझड़पों के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता

नई दिल्‍ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन तनाव के बीच सीडीएस प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीन की पीएलए को भारतीय सेना लद्दाख में माकूल जवाब दे रही है। उसे अपने दुस्साहस के लिए भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ रहा है और यह सब उसके लिए अप्रत्याशित है। उन्‍होंने दो टूक कहा, वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर किसी भी तरह का बदलाव स्‍वीकार नहीं किया जाएगा।

चीन से तनाव के बीच सीडीएस अध्‍यक्ष जनरल रावत ने कहा, 'पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। चीन की पीएलए लद्दाख में अपने दुस्साहस को लेकर भारतीय बलों की मजबूत प्रतिक्रिया के कारण अप्रत्याशित परिणाम का सामना कर रही है। हमारा रुख स्पष्ट है, हम वास्तविक नियंत्रण रेखा में कोई बदलाव स्वीकार नहीं करेंगे। सीमा पर झड़पों और बिना उकसावे के सैन्य कारवाई के बड़े संघर्ष में तबदील होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

'पाकिस्‍तान से खराब हुए रिश्‍ते'

वहीं, पाकिस्‍तान के साथ रिश्‍तों को लेकर जनरल रावत ने कहा कि सीमा पार से हो रही गतिविधियों व गलत बयानबाजी के कारण इस पड़ोसी मुल्‍क से रिश्‍ते और खराब हुए हैं। उन्‍होंने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के लगातार छद्म युद्ध और भारत के खिलाफ गलत बयानबाजी के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध और भी खराब हो गए हैं।'

सीडीएस प्रमुख जनरल रावत का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है और दोनों ओर से सैनिकों का भारी जमावड़ा क्षेत्र में लगा हुआ है। आपसी तनाव के बीच हर किसी की नजर अब भारत और चीन के बीच सैन्य कमांडर स्‍तर की आठवें दौर की वार्ता पर टिकी है। इस पर जोर दिया जा रहा है कि दोनों देशों की सेना अप्रैल 2020 के पहले की तरह अपने बैरकों में लौट जाएं। 

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