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All Party meeting on China issue: चीन के मुद्दे पर 19 जून को सर्वदलीय बैठक के क्या हैं मायने, यहां समझें

Updated Jun 17, 2020 | 15:15 IST

All party meeting on 19th june: गलवान मुद्दे पर चर्चा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। अब यहा्ं समझना जरूरी है कि सर्वदलीय बैठक बुलाने के क्या मतलब हो सकते हैं।

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19 जून को सर्वदलीय बैठक में आगे का रास्ता होगा तय
मुख्य बातें
  • गलवान में चीन की काली करतूत पर चर्चा के लिए 19 जून को सर्वदलीय बैठक
  • सभी विपक्षी दलों ने सरकार से की थी मांग, गलवान में 20 सैनिक हुए थे शहीद
  • भारत ने कहा कि संप्रभुता पर किसी तरह का चीनी हमला बर्दाश्त नहीं।

नई दिल्ली। 15 जून को गलवान में हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए। उस घटना के बाद देश में आक्रोश है तो विपक्षी दल सरकार की नियत पर सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह समझ के बाहर है कि पीएम मोदी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं। अब इस मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम पांच बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक के क्या मायने है यह समझना जरूरी है। 

सर्वदलीय बैठक बुलाने के पीछे की वजह
सर्वदलीय बैठक बुलाने के पीछे सबसे बड़ी वजह यह है कि 15 जून को गलवान में एक ऐसी घटना घटी जो एकाएक किसी के समझ में नहीं आया। 6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल की बातचीत में सहमति बनी कि चीनी सेना विवादित इलाके से धीरे धीरे पीछे हटेगी। लेकिन 15 जून को यह पता चला कि चीन की तरफ से कुछ अस्थाई कैंप बनाए जा रहे हैं जब इसकी जानकारी मिली तो भारतीय टुकड़ी वहां पहुंची और वाद विवाद बढ़ते हुए हिंसक झड़प तक जा पहुंची। चीनी सैनिकों के साथ झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए जिसमें कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल थे। 

विपक्ष क्यों कर रहा था मांग
अब यह समझना जरूरी है कि विपक्ष क्यों बार बार इस विषय पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग कर रहा था। कांग्रेस की तरफ से बार बार सवाल उठाया जा रहा था कि आखिर सरकार यह क्यों नहीं बता रही है कि एलएसी पर क्या हो रहा है। 16 जून को जैसी ही यह खबर आई कि एक अधिकारी और 2 जवान शहीद हो गए हों तो एक बार फिर विपक्ष की तरफ से सवाल उठा कि सरकार आखिर क्या कर रही है और एक बार फिर सर्वदलीय बैठक की मांग उठी।

क्या है जानकारों की राय
इस विषय पर जानकारों का कहना है कि सर्वदलीय बैठक में सभी दल खुल कर अपनी बात रखते हैं और इस तरह की कवायद तब की जाती है जब मामला कुछ ज्यादा ही गंभीर होता है। सर्वदलीय बैठक में अलग अलग दल सुझाव भी देते हैं जिस पर सरकार विचार करती है और जब कोई नीतिगत फैसला किया जाता है तो उसमें उन बिंदुओं को शामिल किया जाता है। अगर भारत चीन सीमा विवाद की बात करें तो निश्चित तौर पर मामला गंभीर है और सरकार का भी स्पष्ट मंशा जाहिर होती है इस विषय पर दूसरे दलों के विचारों को भी सुनना चाहिए।

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