श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में सरकार ने उन लोगों को संपत्ति बहाल करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं, जो घाटी में आतंकी घटनाओं के कारण कभी अपना सबकुछ छोड़कर वहां से पलायन कर गए थे। सरकार संपत्ति के असली मालिक/हकदार को उसे लौटा रही है। जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत ऐसे नौ विस्थापित कश्मीरियों को उनकी संपत्ति लौटाई गई है।
इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन के राजस्व विभाग ने आपदा प्रबंधन राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण (DMRRR) विभाग को कश्मीर घाटी में प्रवासियों की अचल संपत्ति की मौजूदा स्थिति को लेकर ऑनलाइन पोर्टल विकसित करने को कहा है, ताकि अतिक्रमण हटाया जा सके। इसके जरिये रिकॉर्ड या सीमांकन में सुधार, धोखाधड़ी या प्रलोभन के जरिये अतिक्रमण हटाने के संबंध में आवेदन दाखिल किए जाएंगे।
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगा एक्शन
प्रशासन ने चेताया कि जम्मू कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति कानून के किसी भी उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जिसमें संपत्तियों से कब्जा हटाने, उल्लंघन करने वालों को हिरासत में लेने जैसे कदम शामिल हैं। प्रवासियों की संपत्तियों के संरक्षण के लिए जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि पोर्टल पर दिए गए आवेदन का लोक सेवा गारंटी कानून, 2011 के तहत राजस्व अधिकारी निश्चित समय सीमा के भीतर निपटारा करेंगे।
इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी (जिला मजिस्ट्रेट) प्रवासी संपत्तियों का सर्वेक्षण या जमीनी सत्यापन करेंगे और 15 दिनों के भीतर सभी रजिस्टर को अपडेट करेंगे तथा कश्मीर के संभागीय आयुक्त को अनुपालन रिपोर्ट सौंपेंगे। धार्मिक संपत्तियों के संबंध में जम्मू-कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति (संरक्षण) कानून, 1997 के किसी भी उल्लंघन, बेदखली पर कार्रवाई के लिए जिला मजिस्ट्रेट संज्ञान लेंगे।