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'अस्पताल में रामविलास पासवान से सिर्फ 3 लोगों को मिलने की अनुमति क्यों?' मांझी की HAM ने उठाए सवाल

Updated Nov 02, 2020 | 15:46 IST

Ram Vilas Paswan Death: बिहार चुनाव के बीच में जीतन राम मांझी की पार्टी HAM ने रामविलास पासवान के निधन पर सवाल उठा दिए हैं और जांच की मांग की है। इस पर चिराग पासवान ने जवाब दिया है।

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चिराग पासवान
मुख्य बातें
  • HAM ने रामविलास पासवान के निधन पर सवाल उठाए
  • पार्टी ने बेटे चिराग पासवान को कटघरे में खड़ा किया है
  • HAM ने पीएम मोदी को पत्र लिख जांच की मांग की है

नई दिल्ली: बिहार में चुनाव प्रचार के बीच जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) (HAM-S) ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की मौत पर संदेह जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में एचएएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री की मौत की जांच की मांग की। 

इस बीच रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि हर कोई अब एक मृत व्यक्ति पर राजनीति खेल रहा है। जब वह जीवित थे तो किसी ने उनके पास जाने की जहमत क्यों नहीं उठाई? 

HAM ने उठाए ये सवाल

पीएम को लिखे पत्र में HAM ने कहा कि चिराग पासवान को अपने पिता के निधन के बाद एक वीडियो की शूटिंग के दौरान मुस्कुराते हुए देखा गया था, जिससे कुछ सवाल उठे। पत्र में लिखा है कि रामविलास पासवान के निधन से जुड़े कई ऐसे सवाल हैं, जो अपने आप में चिराग पासवान को कटघरे में खड़ा करते हैं। आखिर किसके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने पासवान जी का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया? 

इसमें आगे सवाल उठाया गया है कि आखिर किनके कहने पर अस्पताल प्रशासन ने पासवान से अस्पताल में सिर्फ 3 लोगों को मिलने की इजाजत दी। पत्र में पासवान के निधन की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है। 

चिराग ने किया पलटवार

आरोपों को नकाते हुए चिराग पासवान ने जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा, 'जो लोग एक बेटे के बारे में ऐसी बातें कर रहे हैं, उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए। मैंने मांझी जी को फोन पर मेरे पिता की गंभीर स्थिति के बारे में बताया, फिर भी वे मेरे बीमार पिता को देखने नहीं आए। जिस तरह से अब मांझी जी मेरे पिता के बारे में बात कर रहे हैं, उन्होंने तब इतनी चिंता क्यों नहीं दिखाई, जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था? हर कोई अब एक मृत व्यक्ति के ऊपर राजनीति खेल रहा है। जब वह जीवित थे तो क्यों किसी ने उनके बारे में जानने की जहमत नहीं उठाई।'

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