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योगी आदित्यनाथ- जितिन प्रसाद मुलाकात, यूपी की 8 और 5 फीसद आबादी को बड़ा संदेश

Updated Jun 19, 2021 | 17:21 IST

सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद जितिन प्रसाद ने ब्राह्मणों के मुद्दे पर बड़ी बात कही। अगर बीजेपी के कोर मतदाताओं के नजरिए से देखें तो बयान बहुत खास है।

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योगी आदित्यनाथ- जितिन प्रसाद मुलाकात, यूपी की 8 और 5 फीसद आबादी को बड़ा संदेश
मुख्य बातें
  • यूपी में ब्राह्मणों की आबादी करीब 8 फीसद और राजपूत करीब 5 फीसद
  • यूपी में अगड़ी जातियां करीब 16 फीसद
  • 30 फीसद से अधिक वोट सरकार के बनने और बिगड़ने की कहानी लिखते हैं।

यूपी बीजेपी संगठन में पीएम मोदी के करीबी ए के शर्मा को उपाध्यक्ष के तौर पर बड़ी जिम्मेदारी मिली है। बीजेपी इसे अपनी रणनीति का हिस्सा बता रही है तो उन सबके बीच कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल जितिन प्रसाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उनसे जब पत्रकारों ने असंतुष्ट ब्राह्मणों के मुद्दे पर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि जो नाराज या असंतुष्ट होंगे या जिसे परेशानी होगी उन सबको साथ लेकर चलेंगे। अब यह सिर्फ एक बयान नहीं है इसका सियासी अर्थ है। 

ब्राह्मण मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ की होती है घेरेबंदी
यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्यशैली के बारे में विपक्ष आरोप लगाने के साथ निशाना साधता रहा है कि यह सरकार तो सिर्फ राजपूतों के लिए काम कर रही है। इस सरकार में सवर्ण समाज यानी कि खासतौर पर ब्राह्मण समाज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है। योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने के लिए तरह के तरह उदाहरण भी दिए गए। ऐसे में ब्राह्मण जो बीजेपी के कोर वोटर्स में से एक हैं उन्हें नाराजा किया नहीं जा सकता था और उस कड़ी में जितिन प्रसाद का पार्टी में शामिल होना एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा गया। 
यूपी में अगड़ी जाति

  1. ब्राह्मणों का वोट बैंक 8 फीसद
  2. 5 फीसदी ठाकुर 
  3. अन्य अगड़ी जाति 3 फीसदी है।
  4. ऐसे अगड़ी जाति का कुल वोट बैंक तकरीबन 16 फीसदी है।

जितिन का आना, बड़ा संदेश
अगर बात जितिन प्रसाद की करें तो उन्होंने एक संगठन के जरिए ब्राह्मणों को जोड़ने की पहल पहले से ही कर रहे थे। वो खास तौर पर मध्य उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समाज तर पैंठ बनाने की कोशिश में लगे थे। अगर यूपी की जातीय संख्या को देखें तो बीजेपी आठ फीसद ब्राह्मण मतदाताओं की नाराजगी मोल नहीं ले सकती है। अब ऐसी सूरत में एक चेहरा चाहिए था जो युवा और जुझारू होने के साथ ब्राह्मण समाज से ताल्लूक रखता हो। इन सभी शर्तों को जितिन प्रसाद पूरी करते थे और उसे देख बीजेपी ने दांव खेला। ऐसा कहा जा रहा है कि जितिन प्रसाद को कैबिनेट या किसी खास निगम की जिम्मेदारी दी जा सकती है जिससे ब्राह्मण समाज में उचित संदेश जाए की बीजेपी ब्राह्मण विरोधी नहीं है। 

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