- कंगना रनौत के मणिकर्णिका दफ्तर पर बीएमसी ने चलाई जेसीबी
- यह मामला अदालत में है, 22 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
- मणिकर्णिका दफ्तर में तोड़फोड़ के बाद बीजेपी और शिवसेना आमने सामने
मुंबई। बीएमसी की एक तरफा कार्रवाई के विरोध में कंगना रनौत, महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से रविवार को मुलाकात करेंगी। बताया जा रहा है कि ज्यपाल के सामने वो बीएमसी द्वारा उनके दफ्तर को तोड़े जाने के साथ साथ अपनी सुरक्षा के बारे में बात कर सकती हैं। बता दें कि भगत सिंह कोश्यारी पहले ही इस विषय पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। स मामले को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रमुख सलाहकार को तलब भी किया था।
राज्यपाल से मिलेंगी कंगना रनौत
गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने सीएम के प्रमुख राजनीतिक सलाहकार अजॉय मेहता को तलब कर सीएम के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की थी. जानकारी के मुताबिक राज्यपाल इस पूरे विवाद पर एक रिपोर्ट तैयार कर उसे केंद्र को भेजने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस पूरे मसले को डील किया गया वो न्यायसंगत प्रतीत नहीं हो रहा है। क्या इस तरह से कदम उठाया जाना चाहिए था।
कंगना और महाराष्ट्र सरकार में तकरार तेज
बीएमसी की ओर से दफ्तर तोड़े जाने की कंगना रनौत और महाराष्ट्र सरकार के बीच तकरार लगातार बढ़ती जा रही है। कंगना रनौत न सिर्फ उद्धव सरकार पर हमला कर रही हैं बल्कि शिवसेना की तुलना सोनिया सेना से की और कहा कि जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिव सेना का निर्माण किया था आज वो विचारधारा बेच कर शिव सेना से सोनिया सेना बन चुके हैं।
तीखे बयानों से उद्धव सरकार पर कंगना ने बोला था हमला
इससे पहले कंगना ने कहा था कि आज मेरा घर टूटा है, कल उद्धव ठाकरे का घमंड टूटेगा। ये वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एक जैसा नहीं रहता. मुझे लगता है कि तुमने मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बदले की राजनीति का आलम यह है कि नोटिस का जवाब देने के बावजूद उनके दफ्तर को बाबर सेना ने निशाना बनाया था और उनके राम मंदिर को तोड़ दिया। लेकिन उनका इरादा कमजोर नहीं पड़ेगा।