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Karnataka HC verdict on Hijab row: हिजाब पहनना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं-कर्नाटक HC, फैसले को SC में देंगे चुनौती

Updated Mar 15, 2022 | 11:19 IST

Karnataka High Court verdict on Hijab row: कर्नाटक के हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाई कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। स्कूलोंं में हिजाब पहनने पर रोक जारी रहेगी। कोर्ट ने कहा है कि छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला।
मुख्य बातें
  • हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुना दिया है
  • हाई कोर्ट ने कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है
  • कोर्ट ने हिजाब विवाद पर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं, हिजाब पर रोक जारी रहेगी

Karnataka HC verdict on Hijab row : कर्नाटक में पिछले कई महीनों से चले आ रहे हिजाब विवाद पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुना दिया। अपने अहम फैसले में कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है। अपने अहम फैसले में हाई कोर्ट ने हिजाब पहनने पर छात्राओं को राहत नहीं दी। कोर्ट ने अपने फैसले में स्कूल में हिजाब पहनने पर रोक जारी रहने की बात कही है। फैसला सुनाते समय चीफ जस्टिस ने पूछा क्या हिजाब पहनना जरूरी है? यही नहीं, हाई कोर्ट ने हिजाब पहनने की इजाजत देने वाली सभी याचिकाएं भी खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा कि सरकार के आदेश को खारिज करने का मतलब नहीं क्योंकि हिजाब पर सरकार का आदेश संवैधानिक है। 

यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते-HC

कोर्ट ने कहा कि छात्र यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते और न ही वे हिजाब पर रोक का विरोध कर सकते हैं। वहीं, कोर्ट के फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया आने लगी हैं। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर हमला बोले। पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस ध्रुवीकरण की राजनीति एवं लोगों के दिमाग में जहर घोलने का काम करती है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि हिजाब पर राजनीति करने वालों को कोर्ट से जवाब मिल गया है।

कई जिलों में धारा 144 लागू
हाई कोर्ट की बड़ी बेंच में इस मामले की सुनवाई काफी दिनों से चल रही थी। अदालत के फैसले को देखते हुए दक्षिण कर्नाटक के सभी स्कूलों  को बंद कर दिया गया और कई इलाकों में धारा 144 लगाई गई है। राज्य सरकार ने सभी स्कूलों एवं कॉलेजों की आंतरिक परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी हैं जबकि एक्सटर्नल परीक्षाएं तय समय के अनुसार होंगी।

याचिकाकर्ता SC में देंगे फैसले को चुनौती
हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत में हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का फैसला किया है। 

फैसले से हुई निराशा-महबूबा
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हिजाब पर कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों का काम पढ़ाई करना है, उन्हें अपना ज्ञान बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कर्नाटक एचसी के फैसले से उन्हें काफी निराशा हुई है।  


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याचिकाओं पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था
राज्य की शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा हिजाब पहनने पर रोक लगाने के फैसले को अलग-अलग याचिकाओं में चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में हुई। उडुपी जिले की गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज की कुछ छात्राओं ने कहा कि हिजाब पहनने की वजह से उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया। इसके जवाब में कुछ स्कूलों में छात्र भगवा ओढ़कर पहुंचने लगे। 

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गत जनवरी से शुरू हुआ हिजाब विवाद
कर्नाटक का यह हिजाब विवाद वहां से निकलकर अन्य राज्यों में भी फैल गया। हिजाब पहनने के समर्थन में दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और अन्य जगहों पर प्रदर्शन हुए। इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी लिया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले में दखल देने की मांग की गई। इस पर शीर्ष अदालत ने कहा कि पहले इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में हो जाने दें। जरूरत पड़ने पर ही वह दखल देगा।  

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