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Hijab controversy : कई छात्राओं ने छोड़ी 10वीं की परीक्षा, बोली- हिजाब के बिना नहीं दूंगी एग्जाम

Updated Feb 15, 2022 | 13:14 IST

कर्नाटक हिजाब  विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईकोर्ट में सुनवाई के बीच कई छात्राओं ने 10 की परीक्षा का बहिष्कार किया। और कहा कि बिना हिजाब परीक्षा नहीं दूंगी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कर्नाटक मे हिजाब विवाद बढ़ता ही जा रहा है
मुख्य बातें
  • कर्नाटक में बंद प्री-यूनिवर्सिटी क्लास और डिग्री कॉलेज भी 16 फरवरी से दोबारा खोले जाएंगे।
  • हिजाब को लेकर हुए प्रदेश में प्रदर्शन और हिंसा होने पर स्कूल-कॉलेज बंद किए गए थे।
  • राज्य सरकार ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन करेंगे।

बेंगलुरु : कर्नाटक में हाईस्कूल सोमवार को फिर से खुल गए। उडुपी जिले में भी हाई स्कूल खोल दिए गए। लेकिन हिजाब पहनकर स्कूल परिसर पहुंची मुस्लिम छात्राओं ने स्कूल में प्रवेश से पहले हिजाब उतरवाए गए। स्कूलों में परीक्षाएं भी चल रही हैं। हिजाब को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में सभी छात्रों को भगवा शॉल, स्कार्फ, हिजाब और किसी भी धार्मिक ध्वज को कक्षा के भीतर पहनने पर रोक लगा दी थी। इसी बीच एक अभिभावक जिसकी बेटी उडुपी के पकिरनगर के सरकारी उर्दू स्कूल की छात्रा है, उसने कहा कि स्कूल में हिजाब पर प्रतिबंध के बाद मैं उसे स्कूल नहीं भेज रहा हूं। अब तक, हमारे परिवार के कई लोग हिजाब पहनकर इस स्कूल में पढ़ चुके हैं। क्यों नियमों में अचानक कोई बदलाव आया है?

शिवमोग्गा शहर के कर्नाटक पब्लिक स्कूल में कई छात्राओं कक्षा 10 की प्रारंभिक परीक्षा छोड़ दी है।  स्कूल की एक छात्रा हिना कौसर ने कहा कि मुझे स्कूल में प्रवेश करने से पहले हिजाब हटाने के लिए कहा गया था। मैं ऐसा नहीं कर सकती, इसलिए मैंने परीक्षा में शामिल नहीं होने का फैसला किया।

कोडागु जिले के नेल्लीहुडिकेरी में कर्नाटक पब्लिक स्कूल के कुछ छात्राओं ने हिजाब बैन का विरोध किया। एक आदमी जिसकी भतीजी इस स्कूल में पढ़ती है। उसने कहा कि अदालत के फैसले के बाद ही मैं अपनी भतीजी को स्कूल लाऊंगा। शिक्षा महत्वपूर्ण है लेकिन हिजाब हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।

उधर कर्नाटक सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि हिजाब विवाद की वजह से बंद प्री-यूनिवर्सिटी कक्षाएं और डिग्री कॉलेज 16 फरवरी से दोबारा खोले जाएंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें राज्य के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र, प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश, उच्च शिक्षामंत्री सीएन अश्वथ नारायण और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। नागेश ने कहा कि बैठक में राज्य की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में बुधवार से प्री-यूनिवर्सिटी कक्षाओं और डिग्री महाविद्यालयों को खोलने का फैसला किया गया।

बैठक के बाद मीडिया से नागेश ने कहा कि महाविद्यालयों को कर्नाटक हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के तहत खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां कॉलेजों भी यूनिफॉर्म संबंधी नियम होंगे, वहां उनका कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा। जहां पर यूनिफॉर्म नहीं हैं, वहां के लिए ड्रेस कोड तय किया जाएगा। हम हाईकोर्ट के आदेश का कड़ाई से अनुपालन करेंगे।

गौर हो कि कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में हिजाब को लेकर हुए प्रदर्शन और कुछ स्थानों पर हिंसा भंड़कने के बाद राज्य सरकार ने 9 फरवरी को 3 दिन के लिए कक्षाएं बंद कर दी थी जिसे बाद में 16 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

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