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1997 में हुई हत्या और अब पकड़ाया कातिल...पति के हत्यारे को देखते ही बेहोश हो गई महिला; कई महीनों तक चला 'ऑपरेशन'

Updated Sep 18, 2022 | 23:27 IST

घटना फरवरी 1997 की है। जब सर्द रात में किशन लाल की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय उसकी पत्नी गर्भवती थी और आरोपी मर्डर के बाद फरार हो गया था।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फोटो- @pixabay)
मुख्य बातें
  • 25 साल बाद पकड़ा गया हत्यारा
  • आरोपी ने चाकू मारकर ली थी एक शख्स की जान
  • पुलिस को जब लगी भनक तो वेश बदल-बदल कर करती रही आरोपी का पीछा

कहते हैं कि पुलिस अगर अपने पर आ जाए तो आरोपी को कहीं से भी और कभी भी ढूंढ सकती है। दिल्ली में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने एक हत्या के आरोपी को 25 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है। वो भी कई दिनों तक पीछा करने के बाद।

क्या है मामला

दरअसल फरवरी 1997 की सर्द रात में दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में रहने वाले किशन लाल का चाकू मारकर मर्डर कर दिया गया था। शक पड़ोस में रहने वाले रामू पर गई। हत्या के बाद से ही यह गायब हो गया। अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया। 1997 से यह मामला अटका रहा। फाइल पुलिस विभाग में धूल फांकती रही। अगस्त 2021 में यह मामला फिर से खुला और एक टीम का गठन किया गया।

पुलिस का ऑपरेशन

 पुराने मामलों को संभालने के लिए प्रशिक्षित, दिल्ली पुलिस के उत्तरी जिले की एक टीम ने अगस्त 2021 में इस पर काम शुरू किया। कुछ ही महीनों बाद आरोपी को पुलिस ने खोज निकाला। जिसके बाद पहचान के लिए मृतक की पत्नी को बुलाया गया। जब तक आरोपी की पहचान नहीं हो गई, पुलिस आरोपी के पीछे पड़ी रही। उसके साथ वेश बदल-बदल कर घूमती रही।

कैसे फंसा जाल में

पुलिस के पास ने तो इस मामले में को कोई हत्या का चश्मदीद था न ही गवाह। आरोपी की कोई तस्वीर नहीं थी। ना ही उसके ठिकाने का कोई सुराग था। डीसीपी कलसी ने इसे पकड़ने के लिए उप निरीक्षक योगेंद्र सिंह, हेड-कॉन्स्टेबल पुनीत मलिक और ओमप्रकाश डागर, निरीक्षक सुरेंद्र सिंह को लगाया था। इसके अलावा सहायक पुलिस आयुक्त (संचालन) धर्मेंद्र कुमार उनके मार्गदर्शक थे। डीसीपी कलसी ने कहा- "टीम के लिए यह बेहद नाउम्मीद वाली जांच थी जहां वे कई महीनों तक एक महत्वपूर्ण सुराग पाने की तलाश में जुटे रहे। इस दौरान, टीम के कर्मी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में जांच के लिए कई मौकों पर पहचान बदलकर रहे।"

कलसी ने कहा कि जब टीम दिल्ली के उत्तम नगर गई, तो कर्मियों ने खुद को जीवन बीमा एजेंट बताया। जहां उन्होंने रामू के एक रिश्तेदार को उनके मृतक परिजनों के लिए पैसे की मदद करने के बहाने खोज निकाला। उन्होंने कहा कि टीम उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के खानपुर गांव में भी उसी तरीके से पहुंचने में सफल रही, जब वह रामू के रिश्तेदारों से मिली।

अधिकारी ने कहा कि फर्रुखाबाद में पुलिस को रामू के बेटे आकाश के मोबाइल नंबर का पता चला। आगे के प्रयासों के कारण पुलिस टीम आकाश के एक फेसबुक अकाउंट तक पहुंची, जिसके माध्यम से उसके लखनऊ के कपूरथला इलाके में होने की सूचना मिली। पुलिस ने आकाश से मुलाकात की और उसके पिता रामू के ठिकाने के बारे में पूछताछ की, जिसने अपना नाम बदलकर अशोक यादव कर लिया था। आकाश ने टीम को बताया कि वह लंबे समय से अपने पिता से नहीं मिला है और केवल यह जानता है कि वह अब लखनऊ के जानकीपुरम इलाके में ई-रिक्शा चलाता है। इसके बाद टीम लखनऊ पहुंची। वहां भी वेश बदला और रामू को पकड़ लिया।

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बेहोश हुई पत्नी 

अभी कुछ दिन पहले अचानक से मृतक किशन लाल की पत्नी के पास फोन आया कि वो लखनऊ आ जाए। किशन लाल की जब मौत हुई तब महिला गर्भवती थी, आज उसे एक बेटा है। अपने बेटे को लेकर जब महिला लखनऊ पहुंची तो उसने आरोपी को दिखाकर उसे पहचाने के लिए कहा, जिसे पहचानते ही महिला बेहोश हो गई। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और दिल्ली ले आई। अब उसके खिलाफ मुकदमा शुरू किए जाने की तैयारी हो रही है।

एजेंसी इनपुट के साथ
 

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