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 LAC: पीपी 15 पर वेरिफिकेशन के बाद डिसएंगेजमेंट की पुष्टि, जानिए किन प्वाइंट्स पर अब भी तनाव बरकरार 

शिवानी शर्मा | Deputy News Editor
Updated Sep 13, 2022 | 17:31 IST

LAC PP 15 disengagement: 8 सितंबर को शुरू हुआ डिसएंगेजमेंट 12 सितंबर तक पूरा कर लिया गया, जिसके बाद 13 सितंबर को इस इलाके में भारत और चीन की सेना ने वेरिफिकेशन किया। जिसमें यह देखा गया कि क्या वाकई 2020 के पहले की स्थिति को पुनर्स्थापित कर लिया गया है।

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भारत और चीन के बीच चल रहे LAC तनाव में डिसएंगेजमेंट को एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है

भारत और चीन के बीच 16वें दौर की वार्ता के बाद पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से डिसएंगेजमेंट को पूरा कर लिया गया है। इसकी पुष्टि मंगलवार को दोनों ही पक्षों द्वारा इस इलाके के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद की गई है। हॉट स्प्रिंग और गोगरा के पास यह वह फ्रिक्शन पॉइंट था जहां पर चीन ने कई टेंपरेरी स्ट्रक्चर बनाए थे, साथ ही कई बार वह यहां रूटीन पेट्रोलिंग के बहाने भारतीय सीमा में अपना वर्चस्व दिखाने की कोशिश करता था। 17 जुलाई को भारत और चीन के बीच हुई 16 वें दौर की कमांडर लेवल वार्ता में यह तय किया गया कि पीपी 15 को चीन द्वारा खाली किया जाएगा और 2 से 4 किलोमीटर का एक बफर जोन बनाया जाएगा। 

इस के बाद सेना के सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि डिसएंगेजमेंट  तय शेड्यूल के हिसाब से पूरा कर लिया गया है। माना जा रहा है कि अब चीन के इस कदम से उज़्बेकिस्तान के समरकंद में होने वाले SCO सम्मिट में दोनों देशों को सकारात्मक समझौते का माहौल मिल सकेगा, हालांकि अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की बात की पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन भारत और चीन के बीच चल रहे एलएसी तनाव में डिसएंगेजमेंट को एक सकारात्मक पहल माना जा रहा है। 

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अब भी पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई ऐसे फ्रिक्शन पॉइंट है जहां भारत और चीन की सेना आमने सामने है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की टुकड़ियों के गलवान घाटी में घुसने के दो साल बाद, पूर्वी लद्दाख में 1597 किलोमीटर  वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 16 दौर की बातचीत के बावजूद  कई बिंदु ऐसे हैं जहां अब भी भारत और चीन की सेना है आमने सामने है। यह दूरी कई बार इतनी कम हो जाती है एक और संघर्ष की स्थिति की आशंका बन जाती है आखिर कौन सी है वह जगह है जहां अभी भारत और चीन के सैनिक बेहद नजदीक है आपको बताते हैं।

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पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर मौजूद कोंगका ला पर अभी चीन की सेना एलएसी के बेहद नजदीक है यहां अब तक डिसएंगेजमेंट नहीं हो सका है। देपसांग प्लेन पर भी  पेट्रोलिंग को लेकर विवाद बना हुआ है, भारत ने कई बार चीन को इस विवाद को सुलझाने के लिए पीछे हटने को कहा है लेकिन अब तक चीन  डिस्इंगेजमेंट के लिए तैयार नहीं हुआ है। तीसरी जगह जहां अब भी तनाव बरकरार है वह है डैमचौक का इलाका। डैमचौक में भी पीएलए और भारतीय सेना लगभग आमने-सामने है और यहां भी कई बार स्थिति बेहद संवेदनशील हो जाती हैं।

 इन इलाकों के अलावा पूर्वी लद्दाख में चीन अपनी अलग क्लेम लाइन का दावा करता है इस क्लेम लाइन पर कई ऐसे बिंदु हैं जहां चीन और भारत की सेना बेहद नजदीक हैं, यहां भी कई बार डिफरेंस इन परसेप्शन का हवाला देते हुए चीन घुसपैठ की कोशिश करता है और भारतीय सेना उसे नियंत्रित करती है मगर स्थिति कई बार तनावपूर्ण हो जाती है।

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