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लालू के हनुमान पर बढ़ा शिकंजा,तो CBI के सामने खुल गए कई राज !

Updated Aug 25, 2022 | 14:11 IST

 Lalu Fmaily and Land For Job Scam: लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो उस समय भोला यादव उनके ओएसडी हुआ करते थे। उस दौरान हुए रेलवे भर्ती घोटाले की जांच चल रही है।

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लालू यादव परिवार के लिए रेलवे भर्ती घोटाला नया सिरदर्द
मुख्य बातें
  • नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है। उस वक्त लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे।
  •  27 जुलाई को सीबीआई ने भोला यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की  थी। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
  • भोला यादव मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले हैं।

 Lalu Fmaily and Land For Job Scam: बुधवार सुबह नौकरी के बदले जमीन (Land For Job Scam) घोटाले में सीबीआई ने ताबड़तोड़ छापे मारे। और इस कार्रवाई में राष्ट्रीय जनता दल नेता और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी लोग निशाने पर थे। इसमें तेजस्वी यादव के बेहद करीबी बताए जाने वाले  राजद एमएलसी सुनील सिंह, राजद के पूर्व विधायक सुबोध राय और सांसद अशफाक करीम के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापे मारे की है। लालू परिवार के करीबियों के खिलाफ सीबीआई की  कार्रवाई इसलिए भी अहम मानी जा रही है, कि यह एक्शन लालू यादव के हनुमान कहे जाने वाले ओएसडी भोला यादव की गिरफ्तारी के बाद हुआ है। भोला यादव को 27 जुलाई को इसी मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

कौन हैं भोला यादव

लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो उस समय भोला यादव उनके ओएसडी हुआ करते थे। उस दौरान हुए रेलवे भर्ती घोटाला की जांच चल रही है। जिसके बाद सीबीआई ने 20 मई को लालू परिवार के 17 अलग अलग ठिकानों पर छापा मारा था। इस कार्रवाई के बाद लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और  बेटी मीसा यादव और हेमा यादव के खिलाफ केस दर्ज किया था। इसी के बाद  27 जुलाई को सीबीआई ने भोला यादव के कई ठिकानों पर छापेमारी की  थी। जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।

क्या भोला यादव ने खोले राज

नौकरी के बदले जमीन लेने का मामला साल 2004 से 2009 के बीच का है। उस वक्त लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। आरोप है कि उनके कुछ खास लोग नौकरी दिलाने के नाम पर जमीन का सौदा कर रहे थे। रेलवे में नौकरी की चाह में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने जमीन लालू यादव के परिवार या उनके करीबियों के नाम कर दी। मामला तब खुला जब कुछ लोगों ने अपनी जमीन लालू यादव से संबंधित लोगों के नाम कर दी। लेकिन उन्हें रेलवे में नौकरी नहीं मिली।सीबीआई ने अदालत को जानकारी दी थी कि उसके पास करीब 1450 आवेदन है जो रेल मंत्री या जोनल मैनेजर को भेजे गए थे। इसके साथ ही उसके पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं जो यादव परिवार से संबंधित हैं। 

बुधवार को सीबीआई के छापे के बाद जिस तरह लालू यादव के करीबी लोग निशाने पर आए हैं, उससे इस बात की संभावना है कि सीबीआई को काफी अहम पुख्ता सबूत मिले हैं। जिसके आधार पर वह एक्शन कर रही है।

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दरभंगा के रहने वाले हैं भोला यादव

भोला यादव मूल रूप से दरभंगा के रहने वाले हैं। घोटाले में हुई कार्रवाई में सीबीआई , उनके पैतृक घर पर भी छापेमारी कर चुकी है। वह  साल 2015 में आरजेडी के टिकट पर बहादुरपुर सीट से चुन भी जीत चुके हैं। उन्हें न केवल लालू प्रसाद यादव बल्कि उनके परिवार का भी बेहद करीबी माना जाता है। ऐसे में उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद लालू परिवार के दूसरे करीबियों पर सीबीआई की कार्रवाई आने वाले दिनों में कई राज खोल सकती है।
 

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