लाइव टीवी

बिहार में कानून का ब्रेक फेल! 24 घंटे में 4 मर्डर, अस्पताल का भी हाल बेहाल, कैसे आएगा सुशासन?

Updated Sep 07, 2022 | 19:03 IST

बिहार में एनडीए से नाता तोड़कर महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद नीतीश कुमार पटना से दिल्ली जाकर 2024 के लिए विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। उधर बिहार में अपराधी बेलगाम है, कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अस्पताल का हाल भी बेहाल है।

Loading ...
क्या बिहार में कानून का राज खत्म हो गया है?
मुख्य बातें
  • बिहार में  अपराध बेहिसाब, अपराधी बेलगाम!
  • बिहार में खाकी नहीं अपराधियों का राज!
  • कानून से लेकर स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल!

जब से बिहार में नई सरकार बनी है। कानून व्यवस्था को लेकर हर दिन सवाल खड़े हो रहे हैं। कभी राजधानी पटना में कभी किसी दूसरे जिले तो कभी किसी और जिले में। हाल ये है कि अपराधी कानून व्यवस्था को कुचलकर हर दिन अपराध की कहानी लिख रहे हैं। अस्पतालों का हाल ऐसा है कि उप मुख्यमंत्री अचानक अस्पताल पहुंचे तो वहां कुत्ते बैठे हुए थे। मतलब एक तरफ कानून से लेकर स्वास्थ्य विभाग का बुरा हाल है तो दूसरी तरफ बिहार के मुख्यमंत्री दिल्ली जाकर नई सियासी लकीर खींचने की कोशिश कर रहे हैं।

बिहार में राज्य की सरकार के समानांतर एक और सरकार चलती है। गुंडों की सरकार, अपराधियों की सरकार, मवालियों की सरकार और बवालियों की सरकार। क्राइम की कहानी लिखने वाले अपराधियों के साहस के सामने सरकारी सिस्टम की सांसें फूल रही है। ये अलग बात है कि बिहार में नए-नए पोस्टर लगने के बाद..खुद नीतीश कुमार देश संभालने की संभावनों को तलाशने में लगे हैं। 

राज्य में सरकार बदली तो अपराधियों का मनोबल पहले से ज्यादा बढ़ा गया है। पटना में बदमाशों ने फायरिंग करके एक साथ दो लोगों की जान ले ली। एक की तो मौके पर ही मौत हो गई, दूसरे को अस्पताल में डॉक्टर भी बचा नहीं पाए। दूसरी तरफ सीवान में पुलिस वाले की ही हत्या हो गई।   साथ ही भागलपुर में गुंडों ने ऐसा तांडव मचाया कि..गार्ड और एक शख्स पर धारदार हथियार से हमला किया। गार्ड ने जान दे दी। 

नीतीश कुमार पटना से दिल्ली जाकर 2024 के लिए विपक्ष को एकजुट करनें में लगे हैं। दूसरी तरफ सिवान से लेकर पटना तक अपराधी कोहराम मचाकर रखा है। सिवान में तो पुलिस वालों को अपराधी खुल्लम-खुल्ला चैलेंज दे रहे हैं। सोचिए, पुलिस वाला गश्त दे रहा था। तभी बदमाशों ने बंदूकें चला दी। अभी पुलिसवाले इलाके की घेराबंदी करके अपराधियों की तलाश कर तो रहे हैं। लेकिन सवाल सीधे-सीधे सरकारी सिस्टम पर है। 

बिहार में शासन व्यवस्था ने तो करीब-करीब दम ही तोड़ दिया है। राजधानी पटना में अपराध का ग्राफ इतना ऊपर है कि स्कूटी सवार दो युवकों को घेरकर गोली मार दी गई। अफसोस की बात है लेकिन सच भी यही है सिर्फ कानून-व्यवस्था ही नहीं बिगड़ी है। स्वास्थ्य विभाग का हाल देखकर तो खुद उप मुख्यमंत्री ही चौंक गए। तेजस्वी यादव अस्पताल पहुंचे तो आवारा कुत्तों को अस्पताल के अंदर देखकर भड़क गए। 

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि ये कुत्ता है। स्टाफ अस्पताल से कुत्ता को बाहर नहीं कर सकता। हम देख रहे हैं कि कुत्ता अंदर घुसा हुआ है लेकिन हम बस खड़े होकर तमाशा देख रहे हैं। कोई बाहर करेगा कि नहीं करेगा उस कुत्ते को। डेड बॉडी पड़ी हुई है, किसको रिपोर्ट करते हैं। कंट्रोल रूम वाला कहां है? आप रिपोर्ट किए, किसकी डेड बॉडी है?

तेजस्वी यादव के गुस्से के बाद अब चंद दिनों पहले बिहार में लगे उन पोस्टरों को देखिए जिसमें दावे के साथ दंभ भरा गया था कि बिहार बदला, देश बदलेगा। और बिहार पिछले 15 सालों में कितना बदला है, उसकी संपूर्ण सच्चाई जानने के लिए फिर से बिहार के उस अस्पताल में चलिए, जहां के हालात को देखकर तेजस्वी यादव मीडिया के कैमरे के सामने घंटों तक गुस्साते रहे।
 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।