- कंटेनमेंटज़ोन के भीतर केवल आवश्यक गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी
- एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के लिए नहीं होगी पास की जरूरत
- अंतर-राज्यीय और राज्य के भीतर लोगों की आवाजाही पर कोई नहीं होगी रोक
नई दिल्ली: केंन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को देश के कटेंटमेंट जोन में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा की। इस बार सरकार ने लॉकडाउन को अनलॉक 1 नाम दिया है। जिनसें कई सेवाओं जैसे धार्मिक स्थल, होटलों और शॉपिंग मॉल को खोलने की अनुमति होगी। देश में 25 मार्च से जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का चौथा चरण 31 मई को समाप्त हो रहा है।
एक राज्य से दूसरे राज्य में आवाजाही
इस बार एक सबसे बड़ी जो छूट मिलने वाली है वो है राज्यों के बीच आवागमन की सुविधा। नई गाइडलाइंस में साफ कर दिया है कि अब लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने की अनुमति होगी। अंतर-राज्यीय और राज्य के भीतर व्यक्तियों और सामान की आवाजाही पर कोई बंदिश नहीं होगी। ऐसी आवाजाही के लिए अलग से किसी प्रकार की अनुमति/स्वीकृति/ई-परमिट नहीं लेना होगा।
राज्यों को करना होगा ये काम
हालांकि, यदि एक राज्य/संघ शासित क्षेत्र सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़ी वजहों और परिस्थितियों के आकलन के आधार पर, लोगों की आवाजाही को नियंत्रित करने का प्रस्ताव करता है तो उसे ऐसी आवाजाही पर बंदिशों को लागू करने और उससे जुड़ी प्रक्रियाओं के पालन के संबंध में अग्रिम रूप से व्यापक प्रचार करना होगा।
दिल्ली,नोएडा और गुरुग्राम के लोगों को मिलेगी सहूलियत
आपको बता दें कि हाल ही में हरियाणा सरकार ने दिल्ली से सटी सीमा को तब पूरी तरह सील कर दिया था जब दिल्ली में कोरोना के मामलों ने रफ्तार पकड़ ली थी। हालांकि बाद में कुछ शर्तों के साथ इसमें छूट दी थी। इसलिए अब साफ है कि यदि आप दिल्ली में रहते हैं और आपका दफ्तर गुरुग्राम या नोएडा में है तो आप आसानी से आ-जा सकेंगे। इसके लिए आपको किसी तरह के ई पास की जरूरत नहीं होगी। अभी तक केवल जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों या लोगों को ही इस तरह की अनुमित दी गई थी।
स्कूल-कॉलेज बाद में खुलेंगे
हालात के आकलन के आधार पर राज्य और संघ शासित क्षेत्र कॉन्टेनमेंट जोन (संक्रमण प्रभावित क्षेत्र) के बाहर चुनिंदा गतिविधियों पर रोक लगा सकते हैं या आवश्यकता के आधार पर ऐसी बंदिशों को लगा सकते हैं। दिशा-निर्देश मे कहा है कि स्कूलों, कॉलेजों, शिक्षण संस्थानों, प्रशिक्षण और कोचिंग संस्थानों को राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ सलाह के बाद खोला जाएगा।