- बीजेपी से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए थे हरिभाऊ राठौड़
- 2019 के चुनाव में हरिभाऊ राठौड़ ने शिवसेना के लिए किया था प्रचार
- 2008 में बीजेपी ने पार्टी से दिया था निकाल
देश भर में पार्टी के विस्तार की कोशिशों में लगी आम आदमी पार्टी को महाराष्ट्र में बड़ी सफलता मिली है। कभी दिवंगत गोपीनाथ मुंडे के खास रहे हरिभाऊ राठौर रविवार को आप में शामिल हो जाएंगे। राठौर को राज्य में ओबीसी के बड़े नेता के तौर पर जाना जाता है।
हरिभाऊ राठौर कई पार्टियों में रह चुके हैं। राठौर बीजेपी से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में गए और फिर शिवसेना के लिए भी प्रचार करते दिखे। अब वो झाड़ू का हाथ थामने की तैयारी कर रहे हैं। कहा जाता है कि राठौर जिस पार्टी के पास होंगे, राज्य के ओबीसी वोट का एक हिस्सा उस पार्टी के पास जरूर जाएगा।
बीजेपी ने क्यों निकाला
बंजारा समुदाय से संबंध रखने वाले राठौड़ एक वक्त में भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं में से एक थे। गोपीनाथ मुंडे के काफी विश्वासपात्र थे। 2004 में सांसद भी चुने गए थ, लेकिन जब अमेरिका के साथ केंद्र की मनमोहन सिंह की सरकार खतरे का सामना कर रही थी और उसे संसंद में विश्वामत हासिल करना था, तब राठौर ने अपने आप को विश्वास मत से दूर कर लिया था। जिसके बाद बीजेपी ने उन्हें निकाल दिया था।
कांग्रेस-शिवसेना में गए
बीजेपी से निकाले जाने के बाद राठौड़ 2013 में कांग्रेस में शामिल हो गए। जहां उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य बनाया गया। हालांकि यहां भी वो ज्यादा दिन टिके नहीं और उन्होंने 2019 में शिवसेना से हाथ मिला लिया। जिसके बाद 2019 के विधानसभा चुनावों में शिवसेना के उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी करते दिखे थे।
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राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र और देश के अन्य हिस्सों में ओबीसी समुदायों के लिए राठौड़ के काम से आप को फायदा मिल सकता है और वो महाराष्ट्र में मजबूत हो सकती है।