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मिलिए 24 साल की पायलट महाश्वेता से, युद्धग्रस्त यूक्रेन से कराई 800 से अधिक छात्रों की वापसी [PHOTOS]

Updated Mar 13, 2022 | 13:29 IST

Mahashweta chakraborty: भारतीय जनता युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष प्रियंका शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा कि 24 वर्षीय  श्वेता बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख की बेटी हैं।

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24 साल की पायलट, जिसने 800 छात्रों की कराई यूक्रेन से वापसी
मुख्य बातें
  • इन दिनों सुर्खियों में है कोलकाता के न्यू टाउन निवासी 24 साल की पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती
  • महाश्वेता ने कराई यूक्रेन में फंसे 800 छात्रों की सुरक्षित वतन वापसी
  • वंदे भारत मिशन में भी अहम भूमिका निभा चुकी है महाश्वेता

Who is Mahashweta Chakraborty: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की वजह से सबसे ज्यादा परेशान हुए थे भारतीय नागरिकों को जो अब स्वदेश सुरक्षित वापस लौट चुके हैं। सरकार ने  ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत विभिन्न उड़ानों के जरिए इन छात्रों की सकुशल वापसी कराई। इन छात्रों को वापस लाने में  कोलकाता के न्यू टाउन निवासी 24 साल की पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती (Mahashweta Chakraborty)का भी अहम योगदान रहा जो इन दिनों चर्चा में बनी हुईं हैं।

800 भारतीय छात्रों की कराई वापसी

महाश्वेता चक्रवर्ती ने यूक्रेन में फंसे 800 छात्रों की सुरक्षित वतन वापसी कराई और ऑपरेशन गंगा की सदस्य महाश्वेता चक्रवर्ती ने 27 फरवरी से 7 मार्च के बीच 6 निकासी उड़ानें भरीं। श्वेता की खूब चर्चा सोशल मीडिया पर भी हो रही है। भाजपा महिला मोर्चा के एक ट्वीट में कहा गया, "कोलकाता की 24 वर्षीय पायलट महाश्वेता चक्रवर्ती ने यूक्रेन, पोलैंड और हंगरी की सीमा से 800 से अधिक भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी कराई।' 

भाजपा नेता की बेटी

भाजपा निकाय ने उनकी तस्वीरें भी साझा कीं है। भारतीय जनता युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष प्रियंका शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा कि 24 वर्षीया महाश्वेता बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख की बेटी थीं। उन्होंने कहा, 'वह महाश्वेता चक्रवर्ती हैं, तनुजा चक्रवर्ती (पश्चिम बंगाल राज्य भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष) की बेटी हैं।' अपना अनुभव साझा करते हुए महाश्वेता चक्रवर्ती ने बताया कि ऑपरेशन गंगा के तहत छात्रों की सुरक्षित वापसी उनके लिए लाइफटाइम एक्सपीरियंस है।

वंदे भारत मिशन का रह चुकी हैं हिस्सा

महाश्वेता ने बताया कि उन्हें देर रात कॉल आई औऱ ऑपरेशन गंगा के बारे में बताया तथा ये जानकारी दी कि इसके लिए उनका चयन किया गया है। इसके बाद वह अपनी ड्यूटी पर तैनात हो गईं। अपने माता पिता की इकलौती संतान महाश्वेता का बचपन से ही पायलट बनने का सपना था। इससे पहले कोविड लॉकडाउन के दौरान विदेश में फंसे लोगों को लाने के लिए वह वंदे भारत मिशन का भी हिस्सा रह चुकी हैं।

आपको बता दें कि युद्ध प्रभावित खार्किव में एक भारतीय छात्र की उस समय मौत हो गई थी जब वह किराने का सामान खरीदने के लिए निकला था और शहर को मिसाइल हमलों में निशाना बनाया गया था। यूक्रेन के खिलाफ रूस के सैन्य अभियान के दो दिन बाद शुरू किये गए ‘ऑपरेशन गंगा’ अभियान के तहत अब तक करीब 18 हजार भारतीयों को स्वदेश वापस लाया गया है।

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