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PM Cares Fund से 10,000 रु. प्रवासी मजदूरों के खाते में ट्रांसफर करे सरकार : ममता बनर्जी

Updated Jun 03, 2020 | 14:30 IST

Mamata Banerjee: प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से माग की है कि प्रवासी मजदूरों को आर्थिक मदद देने के लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल हो। उन्होंने मजदूरों को 10 हजार रु. देने की मांग की है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
प्रवासी मजदूरों के खाते में 10 हजार रुपए ट्रांसफर करने की मांग की।
मुख्य बातें
  • राहुल गांधी के बाद ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों के खाते में कैश ट्रांसफर करने की मांग की
  • ममता बनर्जी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल हो
  • लॉकडाउन की वजह से आए संकट से करोड़ों प्रवासी मजदूरों की आजीविका पर संकट गहरा गया है

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रवासी मजदूरों को नकद पैसे ट्रांसफर किए जाने की मांग उठाई है। ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को अंसगठित क्षेत्र के कामगारों सहित प्रत्येक प्रवासी मजदूरों के खाते में 10 हजार रुपए ट्रांसफर करने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 और लॉकडाउन की वजह से इन लोगों की आजीविका पर बुरा असर पड़ा है इसलिए सरकार को इनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए।

ममता ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'कोरोना वायरस के संकट की वजह से लोगों को अकल्पनीय आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करती हूं कि वह असंगठित क्षेत्र के कामगारों सहित प्रत्येक प्रवासी मजदूरों के खाते में 10 हजार रुपए ट्रांसफर करे। इसके लिए पीएम केयर्स फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।' 

बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी केंद्र सरकार से प्रवासी मजदूरों के खाते में 7500 रुपए ट्रांसफर करने की मांग कर चुके हैं। कोविड-19 के खिलाफ मुहिम चलाने और प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पीएम केयर्स फंड की शुरुआत हुई। सरकार इस फंड का इस्तेमाल भी कर रही है। इस फंड से 3100 करोड़ रुपए कोविड-19 से लड़ाई के लिए आवंटित हुए हैं।

इस राशि से 2000 करोड़ रुपए से वेंटीलेटर्स खरीदे जाने हैं जबकि 1000 करोड़ रुपए प्रवासी मजदूरों को मदद पहुंचाने और 100 करोड़ रुपए  कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने में किया जाएगा। इस फंड की शुरुआत 27 मार्च 2020 को हुई। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री इसके सदस्य हैं। लॉकडाउन की वजह से करोड़ों की संख्या मजदूर अपने गृह राज्य के लिए रवाना हुए हैं। कामगार एवं मजदूर वर्ग इस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। संकट से इन वर्गों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकार ने मजदूरों के खाते में सीधे नकदी का ट्रांसफर तो नहीं किया है लेकिन उनके लिए मुफ्त राशन दिए जाने की व्यवस्था की है।  

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