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Manipur Landslide: टेरिटोरियल आर्मी के 15 जवानों समेत 21 की मौत, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Updated Jul 02, 2022 | 07:52 IST

Manipur Landslide: लगातार बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भूस्खलन को मणिपुर के इतिहास की सबसे खराब घटना बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
मणिपुर में टेरिटोरियल आर्मी के 15 जवानों समेत 21 की मौत।
मुख्य बातें
  • टेरिटोरियल आर्मी के 15 जवानों समेत 21 की मौत
  • टेरिटोरियल आर्मी के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया 
  • रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

Manipur Landslide: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भीषण भूस्खलन में कम से कम 21 लोगों की मौत हो गई और अभी भी कई लोगों के दबे होने की आशंका है। भूस्खलन से मरने वाले इन 21 लोगों में टेरिटोरियल आर्मी के 15 जवान हैं। वहीं मलबे में दबे लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। डीजीपी पी डौंगेल ने बताया कि मलबे से कुल 38 लोगों को निकाला गया, जिनमें से 21 की मौत हो गई। साथ ही कहा कि बचाव और तलाशी अभियान जारी है। कितने दबे हुए हैं इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अभी तक ग्रामीणों, सेना और रेलवे कर्मियों, मजदूरों समेत करीब 60 लोग दफन हैं।

टेरिटोरियल आर्मी के 15 जवानों समेत 21 की मौत

मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मंत्रियों के साथ शुक्रवार को हादसे वाली जगह का निरीक्षण किया. सैन्य अधिकारियों से बात कर उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी ली। एनडीआरएफ से लेकर असम राइफल्स के जवान रेस्क्यू में लगे हुए हैं। अधिकारियों के मुताबिक अभी भी बड़ी संख्या में जवान लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से अब तक टेरिटोरियल आर्मी के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया है।

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बचाव अभियान में 2-3 दिन और लगेंगे- सीएम

खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें हो रही है। सेना के हेलिकॉप्टर भी स्टैंडबाय पर हैं और मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं। लगातार बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भूस्खलन को मणिपुर के इतिहास की सबसे खराब घटना बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है।  केंद्र ने बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों को भी भेजा है। मिट्टी में नमी के कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है, जिससे देरी हो रही है। बचाव अभियान में 2-3 दिन और लगेंगे। 

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