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'सब कुछ बंद हो जाएगा'; क्या इसी वजह से MSP को लेकर नहीं बनाया जा रहा कानून? खट्टर ने दिया बड़ा बयान

Updated Mar 10, 2021 | 19:39 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Manohar Lal Khattar on MSP: मनोहर लाल खट्टर ने MSP को कानूनी रूप देने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इसके लिए 17 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
मनोहर लाल खट्टर

नई दिल्ली: पिछले 100 दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी रूप दिया जाए। एमएसपी कानून को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अब बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया कि एमएसपी को कानूनी रूप देना कितना मुश्किलों भरा है।

खट्टर ने हरियाणा विधानसभा में कहा, 'यदि कानून (एमएसपी के लिए) बनाया गया है, तो सरकार को खरीद के लिए 17 लाख करोड़ रुपए का निवेश करना होगा, जो वर्तमान में 1.5 लाख करोड़ रुपए है। भारत सरकार का कुल बजट लगभग 27-28 लाख करोड़ रुपए है। यदि एमएसपी अधिनियमित किया जाता है तो सब कुछ बंद हो जाएगा और 17 लाख करोड़ रुपए केवल खरीद के लिए खर्च किए जाएंगे।'


 

हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस की ओर से भाजपा-जजपा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बुधवार को गिर गया। विधानसभा के 55 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ जबकि 32 सदस्यों ने पक्ष में वोट किया। मतों के विभाजन के बाद यह प्रस्ताव गिर गया। प्रस्ताव पर छह घंटे तक चली मैराथन चर्चा के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने सदन में घोषणा की कि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 55 और पक्ष में 32 मत पड़े।

'किसान आंदोलन किसी के हित में नहीं'

इसके बाद मनोहर लाल खट्टर ने कहा, 'आज विपक्ष (कांग्रेस) विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे, उन्होंने पहले ही ये बात मान ली थी कि हम सिर्फ चर्चा के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए हैं, ये सरकार को गिराने के लिए नहीं है.. हमने उनकी आपत्तियों पर एक-एक करके बात कहीं। उनका अविश्वास प्रस्ताव औंधे मुंह गिरा। कल संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत करने के लिए 9 सदस्यीय कमेटी बनाई है। बातचीत फिर होकर कोई हल निकाला जाए। ये किसान आंदोलन किसी के हित में नहीं है, इससे नुकसान बहुत हो रहा है।' 

चौटाला ने भी रखी अपनी बात

वहीं उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि आज सदन के अंदर कई लोगों के चेहरों से नकाब हटे। वे लोग जो कहते थे कि कृषि के 3 कानून काले हैं, उन्होंने सदन में माना ये काले कानून नहीं हैं। इन लोगों का लक्ष्य कृषि क़ानूनों को वापस लेना नहीं है। उनका लक्ष्य है किसी तरह सत्ता में दोबारा आएं। जिन लोगों ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रयास किया है वोटों के माध्यम से उनको जवाब दे दिया गया है। उन्होंने सदन में कहा था, 'हमने पिछले 1 साल में 30,000 करोड़ रुपये की अलग-अलग फसलें MSP पर खरीदी हैं। पिछली बार 1800 खरीद केंद्र बनाए थे। इस बार भी प्रत्येक किसान को विश्वास दिलाते हैं कि जैसे ही मंडी में आपका जे फॉर्म कटेगा, उसके 2 दिन के अंदर आपके खाते में पैसे पहुंच जाएंगे।'

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