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मौलाना तौकीर रजा ने कहा- हिंदू धर्म का उड़ रहा मजाक, फव्वारे और शिवलिंग में फर्क नहीं पता, हर जगह ऐसा शिवलिंग मिलेगा

Updated May 17, 2022 | 15:46 IST

मौलाना तौकीर रजा का कहना है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग की खोज का दावा हिंदू आस्था का मजाक है। ऐसे शिवलिंग हर मस्जिद में मिल सकते हैं। हिंदू पक्ष फव्वारे और शिवलिंग में फर्क नहीं जानता।

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मौलाना तौकीर रजा
मुख्य बातें
  • इन्हें फाउंटेन और शिवलिंग में अंतर समझ नहीं आता : मौलाना तौकीर रजा
  • दुनिया जानती है कि बाबरी मस्जिद का फैसला झूठा हुआ था : रजा
  • ज्ञानवापी में कानून का मजाक बनाया जा रहा है

उत्तर प्रदेश के बरेली के मौलाना तौकीर रजा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि ज्ञानवापी के सिलसिले में मैं हिंदू भाइयों से कहना चाहूंगा कि आपके धर्म का किस तरह से मजाक उड़ा रहे हैं। इन्हें फाउंटेन और शिवलिंग में अंतर समझ नहीं आता। ये चाहते हैं कि हिंदुस्तान में एक और बंटवारा करवाया जाए। हर हौज में ऐसा शिवलिंग पाया जाता है। इस तरह हुकूमत हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहती है, बेईमानी करना चाहती है। इसके नतीजे गंभीर हो सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि दुनिया जानती है कि बाबरी मस्जिद का फैसला झूठा हुआ था। हमारी मजबूरी को कमजोरी न समझें। जाइए जामा मस्जिद के हौज का फोटो लीजिए, नौम्हला मस्जिद में भी पत्थर मौजूद है। हुकूमत दिवालिया हो चुकी है, इसलिए हिंदू-मुसलमानों को उलझाया जा रहा है। आप लोग खामोश रहकर इस बेईमानी का समर्थन कर रहे हैं। आरएसएस की बड़ी गहरी साजिशें होती है। पाकिस्तान का जो बंटवारा हुआ वो किसी मुसलमान ने नहीं करवाया। जिन्ना की खतना नहीं हुई थी। उनके वालिद जब मुसलमान हुए थे तो उनकी उम्र खतना के लायक नहीं थी। आरएसएस ने देश के टुकड़े करवाए। हमारे हिंदुस्तान में होने का मतलब ये है कि हम आरएसएस की साजिश को पहचान गए थे। जिन्ना पूंजालाल ठक्कर का बेटा है।  

ज्ञानवापी में कानून का मजाक बनाया जा रहा है। कमरों की तलाशी लेने के लिए जिसे भेजा था उसने खुले में जो हौज है उसे देखा। अगर ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग है तो हर मस्जिद में ऐसा शिवलिंग है। हिंदुस्तान में ऐसे बहुत से मंदिर थे जहां मस्जिद बनाई गई। हुकूमत को इसका विरोध झेलना पड़ेगा। अब किसी तरह के कानूनी कार्यवाही की जरूरत नहीं है। बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हमारी आस्था को नहीं माना। अब किसी कोर्ट में जाने की जरूरत नहीं है। ताजमहल के नीचे भी शिवलिंग मिल जाएगा, कुतुबमीनार पर भी शिवलिंग है। कब्जा करना चाहते है तो कब्जा करो, कोर्ट जाने की जरूरत नहीं, सब्र करने की जरूरत है। आरएसएस में कई लोग मोहम्मद अली जिन्ना का रोल अदा कर रहे है। न्यायपालिका, हुकूमत, हिंदुओ सब पर सवाल उठाता है, ये सब खुली बेईमान है। फैसला कुछ नहीं आने वाला है। 

इतना अंधा कानून है जो फाउंटेन और शिवलिंग में फर्क नही कर पा रहा है। अंधे और बहरे, गूंगे जब तक बने रहोगे, मोदी ने अब तक जुबान नहीं खोली। उन्होंने अपनी जुबान अभी तक क्यों नही खोली। मोदी धृतराष्ट्र हैं।

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