- चीन के साथ चल रहे मौजूदा तनाव को लेकर विदेश मंत्रालय ने दी प्रतिक्रिया
- विदेश मंत्रालय ने कहा- चीन मौजूदा यथास्थिति को बदलना चाहता है
- मामले को सुलझाने के लिए चीन को गंभीरता से करनी होगी बातचीत- विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बढ़ रहे मौजूदा तनाव पर विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह स्पष्ट है कि बीते चार महीने में हमने जो हालात देखे हैं वे प्रत्यक्ष रूप से चीनी पक्ष की गतिविधियों का नतीजा हैं। जिम्मेदाराना तरीके से स्थिति को संभाला जाना चाहिये। चीन की गतिविधियों का मकसद यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करना है।'
चीन को दो टूक
मौजूदा सीमा विवाद को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'आगे भी बातचीत जारी रहेगी, भारत संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान के लिये प्रतिबद्ध है। हम पुरजोर तरीके से चीन से आग्रह करते हैं कि वह पूरी तरह पीछे हटकर सीमा पर तेजी से शांति बहाली के लिये गंभीरता से भारतीय पक्ष का साथ दे। आगे मिलिटरी और राजनयिक बातचीत होगी। हम शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए मामले के समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। चीन से अपील है कि तनाव कम करने और पीछे हटने के मसले पर गंभीरता से बातचीत करे।'
नरवणे का लद्दाख दौरा
आपको बता दें कि आज से ही सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने लद्दाख का दो दिवसीय दौरा शुरू किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेगोंग झील के दक्षिणी तट के आस-पास यथास्थिति को बदलने के चीन के हालिया प्रयासों के मद्देनजर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा करने के मकसद से सेना प्रमुख का यह दौरा हो रहा है। सेना के शीर्ष कमांडर जनरल नरवणे को उत्पन्न हुई स्थिति के साथ ही क्षेत्र में मुकाबले की भारत की तैयारी से अवगत कराएंगे।