- चीनी ऐप्स को बैन करने के विरोध में कांग्रेस नेता मोहन कुमारमंगलम!
- सरकार ने बुधवार को ही बैन किए थे 118 चीनी ऐप्स
- लद्दाख में तनाव को देखते हुए सरकार लगातार उठा रही है कड़े कदम
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकप्रिय गेमिंग ऐप पबजी सहित चीन की कंपनियों से जुड़े 118 अन्य मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार के इस कदम का जहां कई लोग स्वागत कर रहे हैं वहीं कांग्रेस नेता ने इसका विरोध किया है। तमिलनाडु प्रोफेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन कुमारमंगलम ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा , 'चीन में इंटरनेट राष्ट्रवाद, भारत विरोधी नहीं था, यह चीन समर्थक था। भारत में इंटरनेट राष्ट्रवाद भारत समर्थक नहीं है, यह चीन विरोधी है।'
मिलिंद देवड़ा ने किया था ये ट्वीट
दरअसल मोहन कुमारमंगलम ने कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा के एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही जिसमें मिलिंद ने लिखा था, 'इंटरनेट राष्ट्रवाद की बदौलत चीन को दुनिया की शीर्ष 10 टेक कंपनियों में से 5 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा। 59 + 118 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारतीय उद्यमी विश्व स्तरीय उत्पादों और कंपनियों का निर्माण कर सकेंगे। भारत अपने बढ़ते 500mn स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं और 700mn ब्रॉडबैंड उपभोक्ताओं से शक्ति हासिल कर रहा है।'
पहले भी लग चुका है बैन
आपको बता दें कि बुधवार को सरकार ने 118 ऐप्स पर बैन लगा दिया है और भारत में बैन किए गए चीनी ऐप्स की संख्या अब बढ़कर 224 हो गई है। बुधवार को जिन चीनी ऐप्स को बैन किया गया है उनमें बायदू, बायदू एक्सप्रेस एडिशन, अलीपे, टेनसेंट वॉचलिस्ट, फेसयू, वीचैट रीडिंग, गवर्नमेंट वीचैट, टेनसेंट वेयुन, आपुस लांचर प्रो, आपुस सिक्योरिटी, कट कट, शेयरसेवा बाइ श्याओमी और कैमकार्ड के अलावा पबजी मोबाइल और पबजी मोबाइल लाइट शामिल हैं।
चीन के बढ़ गया है तनाव
सरकार की तरफ से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव और बढ़ गया है। 29 और 30 अगस्त की रात चीन ने पैंगोग लेक के दक्षिणी छोर से घुसपैठ की कोशिश की थी जिसे भारतीय जवानों ने ना केवल नाकाम कर दिया बल्कि महत्वपूर्ण ब्लैक टॉप चोटी पर कब्जा भी कर दिया। सरकार ने इससे पहले टिकटॉक और यूसी ब्राउजर समेत चीन के कई अन्य ऐप पर प्रतिबंध लगाया था।