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संसद के मानसून सत्र की तैयारियां जोरों पर, कोविड-19 के कारण बदली-बदली होगी बैठने की व्‍यवस्‍था

Updated Aug 16, 2020 | 22:37 IST

Parliament Monsoon Session 2020: संसद का मानसून सत्र अगस्‍त के आखिर या सितंबर की शुरुआत में बुलाया जा सकता है। इस दौरान कोरोना संक्रमण के कारण सदस्‍यों के बैठने की व्‍यवस्‍था में बदलाव किया जा रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
संसद के मानसून सत्र की तैयारियां जोरों पर, कोविड-19 के कारण बदली-बदली होगी बैठने की व्‍यवस्‍था
मुख्य बातें
  • संसद का मानसून सत्र जल्‍द शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है
  • कोरोना वायरस संक्रमण के कारण इस बार सदस्‍यों के बैठने की व्‍यवस्‍था में बदलाव किया जा रहा है
  • बताया जा रहा है कि असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन की कार्यवाही सुबह और दूसरे की शाम में होगी

नई दिल्ली : कोविड-19 के मद्देनजर पहली बार कई तरह की कवायदों के साथ संसद के मानसून सत्र के लिए तैयारियां की जा रही हैं। संक्रमण से बचाव के लिए लोकसभा और राज्यसभा में बैठने की व्यवस्था में भी बदलाव किया जा रहा है। उचित दूरी का पालन करते हुए सदस्यों के बैठने के लिए दोनों चैंबरों और दीर्घाओं का इस्तेमाल होगा। अधिकारियों ने इस बारे में बताया। अगस्त के अंतिम सप्ताह या सितंबर के आरंभ में मानसून सत्र की शुरूआत होने की संभावना है।

राज्यसभा सचिवालय के मुताबिक सत्र के दौरान ऊपरी सदन के सदस्यों को दोनों चैंबर और दीर्घाओं में बैठाया जाएगा। भारतीय संसद के इतिहास में पहली बार इस तरह की व्यवस्था होगी जहां 60 सदस्य चैंबर में बैठेंगे और 51 सदस्य राज्यसभा की दीर्घाओं में बैठेंगे। इसके अलावा बाकी 132 सदस्य लोकसभा के चैंबर में बैठेंगे।

कुछ ऐसी होगी बैठने की व्यवस्‍था

लोकसभा सचिवालय भी सदस्यों के बैठने के लिए इसी तरह की व्यवस्था कर रहा है। दीर्घाओं से भागीदारी के लिए पहली बार बड़े डिस्प्ले वाली स्क्रीन और कंसोल लगाए जाएंगे। दोनों सदनों के बीच विशेष तार बिछाए जाएंगे और कुर्सियों के बीच पॉलीकार्बोनेट शीट की व्यवस्था होगी। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने 17 जुलाई को बैठक कर सत्र चलाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श करने के बाद दोनों सदनों के चैंबरों और दीर्घाओं का इस्तेमाल करने का फैसला किया।

नायडू ने अधिकारियों को अगस्त के तीसरे सप्ताह तक सत्र के लिए तैयारियां पूरी कर लेने का निर्देश दिया था, ताकि इस व्यवस्था का मुआयना हो जाए और इसे अंतिम रूप दिया जा सके। राज्यसभा सचिवालय भी इस काम के लिए पिछले दो सप्ताह से लगातार काम कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि आम तौर पर दोनों सदनों में एक साथ बैठकें होती हैं, लेकिन इस बार असाधारण परिस्थिति के कारण एक सदन सुबह के समय बैठेगा और दूसरे की कार्यवाही शाम में होगी।

सोशल डिस्‍टेंसिंग का रखा जाएगा ख्‍याल

कोरोना वायरस महामारी के कारण संसद के बजट सत्र की अवधि में कटौती कर दी गई थी और 23 मार्च को दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। परिपाटी के तहत अंतिम सत्र से छह महीने के अंत के पहले संसद का सत्र आहूत होता है। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए सामाजिक दूरी के नियमों के पालन के साथ पहली बार सदन में बैठने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि विभिन्न दलों को संख्या के आधार पर राज्यसभा के चैंबर और दीर्घाओं में सीट आवंटित किए जाएंगे और बाकी सदस्यों को सत्तारूढ़ दलों और अन्य के लिए दो खंड में लोकसभा के चैंबर में बैठाया जाएगा।

राज्यसभा चैंबर के भीतर प्रधानमंत्री, सदन के नेता, विपक्ष के नेता और अन्य दलों के नेताओं के लिए सीटें चिन्हित की जाएंगी। पूर्व प्रधानमंत्री-मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा के साथ ही केंद्रीय मंत्रियों और राज्यसभा सदस्य- रामविलास पासवान और रामदास आठवले के लिए भी सदन के चैंबर में चिन्हित सीटें होंगी। अन्य मंत्रियों को सत्तारूढ़ सदस्यों के लिए तय सीटों पर बैठाया जाएगा।

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