FIR against 21 Para Special Forces of Indian Army:नागालैंड पुलिस ने शनिवार शाम मोन जिले में आम नागरिकों पर गोलीबारी को लेकर भारतीय सेना (Indian Army) के 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज के खिलाफ FIR दर्ज की है, पुलिस ने यह स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज की है गौर हो कि शनिवार को हुई गोलीबारी में 14 लोगों की मौत हो गई।
शनिवार को नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों ने आम नागरिकों को उग्रवादी समझकर उन पर गोलीबारी कर दी। सेना को खुफिया जानकारी मिली थी कि एक वाहन में उग्रवादी जा रहे हैं। सेना ने इस वाहन को निशाना बनाते हुए गोलीबारी की लेकिन बाद में पता चला कि वाहन में उग्रवादी नहीं बल्कि स्थानीय नागरिक थे। गोलीबारी की इस घटना के बाद स्थानीय लोग नाराज हो गए। इसके बाद उन्होंने सेना के कैंप का घेराव किया। इस दौरान भीड़ ने कैंप में उपद्रव करते हुए तोड़फोड़ की। हिंसा में 14 लोगों की मौत हुई। कैंप को स्थानीय लोगों से मुक्त कराने के लिए सेना को बल का प्रयोग करना पड़ा।
वहीं दीमापुर स्थित सेना के तीन कोर ने इस फायरिंग की आंतरिक जांच शुरू कर दी है। इस जांच की अगुवाई मेजर जनरल रैंक के अधिकारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि गोलीबारी किस वजह से हुई इस तथ्य की जांच की जाएगी।
होम मिनिस्टर ने लोकसभा में नागालैंड की घटना पर बयान दिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागालैंड की घटना पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताती है। उन्होंने कहा कि नागालैंड की घटना की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है जिसे एक महीने के अंदर जांच पूरी करने को कहा गया है।
सभी एजेंसियों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि भविष्य में विद्रोहियों के खिलाफ अभियान चलाते समय इस तरह की किसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।
AFSPA को हटाने की मांग
वहीं नागालैंड के मोन जिले में सेना की गोलीबारी में मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को हटाने की मांग की। सीएम ने कहा कि वह लंबे समय से अफस्पा को हटाए जाने की मांग करते रहे हैं। अब चूंकि राज्य में उग्रवाद की समस्या नहीं है इसलिए इस अधिनियम को जारी रखने का कोई औचित्य नहीं है।