लाइव टीवी

सोनिया के लिए 'सत्याग्रह': राहुल संग इंदिरा का कांग्रेस ने शेयर किया 45 साल पुराना फोटो, पूछा- बांधने आए हैं, जंजीर बड़ी लाए हैं?

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 27, 2022 | 09:19 IST

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं एवं सांसदों ने ‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े धनशोधन के मामले में सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ के खिलाफ मंगलवार को प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
कांग्रेस के टि्वटर हैंडल से यही फोटो शेयर किया गया है।
मुख्य बातें
  • सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही इंदिरा की यह तस्वीर
  • लोग बोले- खुद की पहचान बनाओ, बस दादी-दादी करते रहते हो
  • फोटोग्राफर रघु राय का क्लिक किया यह फोटो साल 1977 का है

कांग्रेस की अंतरिम चीफ सोनिया गांधी के लिए मंगलवार (26 जुलाई, 2022) को कांग्रेसियों ने दिल्ली में सत्याग्रह किया। पार्टी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी समेत कई नेता इस दौरान हिरासत में लिए गए और इसी बीच, राहुल के सड़क पर बैठकर प्रदर्शन से जुड़े कई फोटो सामने आए। उन्हीं में से एक को उनकी दादी इंदिरा गांधी के साथ शेयर करते हुए विपक्षी दल से केंद्र सरकार से सवाल किया कि आप बांधने आए हैं, पर क्या जंजीर बड़ी लाए हैं? 

दरअसल, कांग्रेस ने ट्वीट किया में दोनों नेआतों के एक जैसे तेवर और अंदाज वाले फोटो शेयर करते हुए लिखा, "जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हां, हां दुर्योधन! बांध मुझे। बांधने मुझे तो आया है, जंजीर बड़ी क्या लाया है? इतिहास दोहरा रहा है...।" रामधारी सिंह दिनकर की कविता (कृष्ण की चेतावनी) की इन पंक्तियों के साथ पार्टी ने इंदिरा का जो फोटो साझा किया था वह 45 साल पुराना बताया जा रहा है। 

क्या है इंदिरा के इस फोटो की कहानी?
कांग्रेस के हैंडल से इंदिरा का जो फोटो शेयर किया गया है वह साल 1977 का है। जाने-माने फोटोग्राफर रघु राय ने यह फोटो क्लिक किया था। 'ए लाइफ इन दि डे ऑफ इंदिरा गांधी' शीर्षक वाली उनकी बुक में यह छपा था। इंदिरा कब धरने पर बैठी थीं। बताया जाता है कि यह तस्वीर 1977 के चुनाव के परिणाम आने के बाद की है। 

हुआ यूं था कि खुफिया एजेंसी आईबी और कई कांग्रेसियों ने उन्हें यकीन दिलाया था कि वह जीतेंगी, पर वैसा न हुआ था। कांग्रेस तब स्वतंत्रता के बाद पहली बार इलेक्शन गंवा बैठी थी। शिकस्त इतनी करारी थी कि इंदिरा तक अपनी सीट (रायबरेली) न बचा सकी थीं। मोरारजी देसाई की लीडरशिप में तब जनता पार्टी ने सरकार बना ली थी। हालांकि, कुछ वर्षों के बाद इंदिरा ने सत्ता में कमबैक किया था।

कांग्रेसियों का हल्लाबोल, कई हिरासत में
यह पूरा मामला‘नेशनल हेराल्ड’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस का है। सोनिया से ईडी की पूछताछ के खिलाफ मंगलवार को राहुल की अगुवाई में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं-सांसदों ने प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। मुख्य विपक्षी दल ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक द्वेष की भावना से की गई कार्रवाई करार दिया। साथ ही कहा कि ‘सत्य ही इस तानाशाही का अंत करेगा।’ कांग्रेस का कहना है कि राहुल गांधी और अन्य नेताओं को करीब सात घंटे तक हिरासत में रखने के बाद रिहा किया गया।

छह घंटे सोनिया से सवाल, आज फिर पेशी
ईडी ने दूसरे दिन गांधी से छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि सोनिया को बुधवार को फिर पेश होने को कहा गया। वह मंगलवार को अपना बयान दर्ज कराने के बाद शाम सात बजे से महज कुछ देर पहले यहां ईडी कार्यालय से रवाना हुईं। गांधी ‘जेड प्लस’ सुरक्षा घेरे में अपने बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाद्रा के साथ पूर्वाह्न करीब 11 बजे मध्य दिल्ली में एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर विद्युत लेन में स्थित संघीय एजेंसी के कार्यालय पहुंची थीं। 

Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।