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'मैंने मंत्रिमंडल क्या छोड़ा, मेरे क्षेत्र की ही अनेदखी होने लगी', पूर्व बॉस को सिद्धू ने लिखा खत

Updated Jul 24, 2020 | 08:21 IST

कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अब अपनी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है। सिद्धू ने कहा है कि उनके इलाके के विकास कार्य रूक गए हैं जिसके लेकर उन्होंने सीएम को खत लिखा है।

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मैंने मंत्री पद क्या छोड़ा, इलाके का विकास ही रुक गया: सिद्धू
मुख्य बातें
  • नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लिखा पत्र, 'विकास' को लेकर की शिकायत
  • सिद्धू ने लगाया बड़ा आरोप, कहा- मंत्रिमंडल छोड़ने के बाद उनके इलाके ही अनदेखी हो रही है
  • सिद्धू ने पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान की विवादास्पद यात्रा के बाद दे दिया था इस्तीफा

अमृतसर: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पिछले काफी समय से सुर्खियों में नहीं थे, या यूं कहें कि वो एक तरह से कोपभवन में चले गए थे। लेकिन अब वह फिर सामने आए हैं और अपनी ही सरकार से नाराज हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने वाले सिद्धू ने कहा है कि उन्होंने मंत्रिमंडल क्या छोड़ा, उनके क्षेत्र में विकास कार्य ही रूक गए। आपको बता दें कि सिद्धू कैप्टन मंत्रिमंडल में करीब ढ़ाई साल तक स्थानीय निकाय मंत्री रहे हैं।

खत लिखकर जताई नाराजगी

 सिद्धू ने इस संबंध में अपने पूर्व 'बॉस' कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। इस पत्र में सिद्धू ने लिखा है कि जब से उन्होंने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दिया है तब से उनके क्षेत्र के साथ लगातार अन्याय हो रहा है और यहां चल रहे विकास कार्य रूक गए हैं।  सिद्धू ने इसे लेकर कई उदाहरण सामने रखे और कहा कि अक्टूबर 2018 में उन्होंने 137 करोड़ की लागत वाले  पांच रेलवे वरब्रिज के कार्यो की आधारशिला रखी थी जिनमेंसे दो उनके पूर्वी हलके के थे। अब तक इनका निर्माण शुरू नहीं हुआ है। 

नहीं शुरू हुए विकास कार्य

इसके अलावा सिद्धू ने अपने पत्र में आरोप लगाते हुए कहा, 'पिछले साल दिसंबर में, सीएम ने अमृतसर ईस्ट के लिए पंजाब पर्यावरण सुधार परियोजना (चरण -1) के तहत 5 करोड़ रुपये के कार्यों की सिफारिश की थी। लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं किया गया है।' इसके अलावा सिद्धू ने कहा कि बहुत सारे अन्य कार्यों भी स्वीकृत हुए थे जो अभी शुरू नहीं हुए हैं।

पिछले साल दिया था इस्तीफा

क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने पिछले साल 15 जुलाई को पंजाब मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया था और उसके बाद यह सीएम के साथ उनका पहला संवाद है। दरअसल सिद्धू जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण में पहुंचे तो इस दौरान वो वहां के सेना प्रमुख से गले मिले थे जिसके बाद देश में इसका काफी विरोध हुआ था। सिद्धू की विवादास्पद यात्रा के बाद से ही कैप्टन और सिद्धू के बीच तनानती देखने को मिली थी। यह खाई आम चुनावों के दौरान और बढ़ गई जब सिद्धू और उनकी पत्नी ने अमरिंदर पर आरोप लगाया कि चंडीगढ़ या अमृतसर से उन्हें टिकट देने से इनकार करने में उनका (कैप्टन) हाथ है।

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