- जम्मू स्थित आईएएफ के एयरबेस पर आतंकियों ने किया है ड्रोन हमला
- आतंक के इस नए खतरे के प्रति भारत ने दूनिया के देशों को आगाह किया
- आतंकियों के हाथ में ड्रोन तकनीकी जाना पूरी दुनिया के लिए खतरा है
नई दिल्ली : जम्मू में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के एयरबेस पर ड्रोन से हुए हमलों ने एक नई सुरक्षा चुनौती पेश कर दी है। भारत में किसी रक्षा प्रतिष्ठान को पहली बार ड्रोन से निशाना बनाया गया है। ड्रोन हमले आतंकियों के नए हथियार के रूप में उभरे हैं। आधुनिक समय में देशों को अब ड्रोन हमले और साइबर हमले से दो चार होना पड़ रहा है। आतंकी हमलों के इन नए खतरों के प्रति दुनिया यदि सजग नहीं हुई तो आने वाले दिनों में उसे बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है।
भारत ने यूएन में उठाया ड्रोन हमले का खतरा
भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ड्रोन के गलत इस्तेमाल का मुद्दा उठाते हुए इस खतरे के प्रति तत्काल ध्यान देने की मांग की है। दुनिया के कुछ देश ड्रोन का इस्तेमाल अपनी सुरक्षा के लिए करते आए हैं जबकि कुछ आतंकी संगठनों ने ड्रोन का इस्तेमाल हमले के लिए किया है। आइए यहां जानते हैं दुनिया में हुए कुछ बड़े ड्रोन हमलों के बारे में-
हूती विद्रोहियो ने सऊदी अरब में हमले किए
यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब पर कई बार ड्रोन से हमले किए हैं। अमेरिका ने यूती विद्रोहियों को आतंकी की श्रेणी में रखा है। सितंबर 2019 में हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब के अरामको अबकैक आयल प्रासेसिंग संयंत्र एवं खुरैस फिल्ड पर ड्रोन से बड़ा हमला किया। हूती विद्रोहियों का यह ड्रोन हमला इतना बड़ा था कि संयंत्र से तेल का आपूर्ति कई दिनों तक प्रभावित हुई। सऊदी अरब पर ड्रोन से यह सबसे भीषण हमला था।
तुर्की भी करता है ड्रोन से हमले
ड्रोन की तकनीकी में तुर्की भी काफे आगे है। साल 2020 में उसने विस्फोटक लदे ड्रोन से लीबिया में खलीफा हफ्तार पर हमला किया। यह ड्रोन से किसी व्यक्ति को निशाना बनाने का पहली आधिकारिक घटना है।
अल-जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका ने किया हमला
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रेल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) ने साल 2006 में अपने मानवरहित प्रिडेटर ड्रोन से अफगानिस्तान सीमा पर आतंकियों को निशाना बनाते हुए डैमडोला पर हमले किए। इस हमले में पाकिस्तानी इलाके में 18 लोगों की मौत हुई। अमेरिका ने यह ड्रोन हमला अल-कायदा के दूसरे नंबरे के कमांडर अयमान अल-जवाहिरी को मारने के लिए किया था।
साल 2011 में उत्तरी वजीरिस्तान में ड्रोन हमला
साल 2011 में अमेरिका ने पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में ड्रोन से हमला किया। यहां पर ड्रोन हमला कबायली इलाके के आतंकियों को मारने के लिए हुआ था। इस ड्रोन हमले में अमेरिका सफल हुआ। इस हमले में तालिबान गुट का शीर्ष कमांडर हाफिज गुल बहादुर मारा गया। इस हमले में मारे गए अन्य लोगों को कथित रूप से तालिबानी आतंकवादी बताया गया।
माकिन ड्रोन हमले में करीब 80 की मौत
अमेरिका द्वारा 2009 में माकिन में हुए हमले को अब तक का सबसे भीषण ड्रोन हमला बताया जाता है। बताया जाता है कि इस ड्रोन हमले में 60 से 80 लोगों की मौत हुई। अमेरिकी सुरक्षाबलों ने यह ड्रोन हमला बैतुल्ला मसूद को खत्म करने के लिए किया था लेकिन वह इस हमले में बच गया। इसके अलावा सितंबर 2008 में अमेरिका ने पाकिस्तान फाटा इलाके में ड्रोन हमले किए। इस हमले में तीन महिलाएं, दो बच्चे और सात आतंकवादी मारे गए।
ड्रोन हमले में मारे गए ईरानी कमांडर सुलेमानी
साल 2020 में अमेरिका ने ईरान के कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी को ड्रोन से निशाना बनाया। सुलेमानी बगदाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जब अपने काफिले के साथ निकल रहे थे उस समय उन पर ड्रोन हमला हुआ। इस हमले में सुलेमानी के अलावा पांच इराकी और ईरान के चार नागरिकों की मौत हुई।