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कोरोना मृतक परिवारों को मुआवजे के लिए गाइडलाइन बनाए सरकार, रकम खुद तय करे: सुप्रीम कोर्ट

Updated Jun 30, 2021 | 11:24 IST

शीर्ष अदालत में दायर एक जनहित याचिका में कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों को सरकार से चार लाख रुपए की आर्थिक मदद दिलाने की मांग की गई है। सरकार का कहना है कि वह 4 लाख रु. मुआवजा नहीं दे सकती।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
चार लाख रुपए के मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी।
मुख्य बातें
  • कोरोना मृतक परिवारों को मुआवजे पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा-पीड़ित परिवारों को न्यूनतम राहत जरूर दे सरकार
  • सरकार ने कहा है कि प्रत्येक परिवार को वह 4 लाख मुआवजा नहीं दे सकती

नई दिल्ली : कोरोना से मौत होने वाले मरीजों के परिजनों को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ी बात कही। मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कोरोना मृतकों के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे की रकम वह तय नहीं करेगी लेकिन सरकार को पीड़ितों को न्यूनतम आर्थिक राहत जरूर देनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि एनडीएमए अपना संवैधानिक दायित्व नहीं निभा पाया है। कोर्ट ने कोविड-19 से जान गंवाने वाले मृतकों के परिवारों को मुआवजे देने के लिए गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए हैं। 

प्रत्येक परिवार को 4 लाख नहीं दे सकते-सरकार
शीर्ष अदालत में दायर एक जनहित याचिका में कोविड-19 से जान गंवाने वाले मरीजों को सरकार से चार लाख रुपए की आर्थिक मदद दिलाने की मांग की गई है। हालांकि, सरकार ने कहा है कि वह मुआवजे के तौर पर चार लाख रुपए देने में असमर्थ है।     

मुआवजे के लिए मानक तय करने के निर्देश 
कोविड मृतक परिवारों को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग पर कुछ दिनों पहले केंद्र सरकार अदालत से कह चुकी है कि वह इतनी रकम अगर प्रत्येक परिवार को देगी तो उसका आपदा राहत कोष खाली हो जाएगा। बुधवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) को राहत के लिए न्यूनतम मानक तय करने के निर्देश दिए। 

कोविड मृतकों के लिए जारी हो डेथ सर्टिफिकेट
कोर्ट ने सरकार से कोविड-19 से जान गंवाने वाले व्यक्तियों के लिए डेथ सर्टिफिकेट जारी करने के लिए भी कहा है। अदालत का कहना है कि कोरोना पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए बीमा पॉलिसी भी बनाई जा सकती है।  

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