- जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची पर घमासान
- पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने की आयोग के फैसले की आलोचना
- जम्मू-कश्मीर के सियासी दलों का बढ़ा तापमान
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिरदेश कुमार ने बुधवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में आगामी विधानसभा चुनावों में गैर-स्थानीय लोग मतदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में वो लोग भी मतदान कर सकते हैं जो जम्मू कश्मीर में पढ़ाई के लिए आए हैं। चुनाव आयोग के इस फैसले से सियासत में उबाल आ गया है। विपक्षी दल के नेताओं ने आयोग के इस फैसले की आलोचना की है।
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने की आलोचना
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उम अब्दुल्ला ने फैसले की आलोचना करते हुए कहा, 'क्या BJP जम्मू कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत है? जब जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका दिया जाएगा तो वे कभी भी BJP वोट नहीं करेंगे।'
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पीडीपी का सरकार पर निशाना
तो वहीं पीडीपी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने ट्वीट में लिखा, 'जम्मू कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने संबंधी भारत सरकार का निर्णय, पहले बीजेपी के पक्ष में पलड़ा झुकाने और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देने से चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए है। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर शासन जारी रखना है।' पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने भी चुनाव आयोग के फैसले पर चिंता जताई है। सज्जाद गनी लोन ने इस कदम को ‘‘खतरनाक’’ करार देते हुए कहा कि यह 'विनाशकारी’होगा।