- बिहार चुनाव में खराब प्रदर्शन से कांग्रेस में कलह शुरू हो गया
- गुलाम नबी आजाद समेत कई नेता पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं
- बिहार चुनाव में कांग्रेस ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई
नई दिल्ली: इन दिनों कांग्रेस पार्टी में कलह चल रही है। सभी के निशाने पर केंद्रीय नेतृत्व है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि फाइव-स्टार से चुनाव नहीं लड़े जाते। हमारे नेताओं के साथ समस्या है कि अगर टिकट मिल गया तो 5-स्टार में जाकर बुक हो जाते हैं। एयर कंडीशनर गाड़ी के बिना नहीं जाएंगे, जहां कच्ची सड़क है वहां नहीं जाएंगे। जब तक ये कल्चर हम नहीं बदलेंगे, हम चुनाव नहीं जीत सकते। इसके बाद कांग्रेस पर बीजेपी भी हमलावर हो गई। इस पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि शायद नबी ने गुलाम को आजाद होने के लिए कहा होगा। हम तो पहले से ही कहते थे कि कांग्रेस रसातल में जा रही है। अब गुलाम नबी, कपिल सिब्बल और चिदंबरम जी सबको कारण बता रहे हैं। पूज्य महात्मा गांधी ने तो उसी समय कहा था कांग्रेस को समाप्त कर दो। शायद तब की बात अब असर करे।
बिहार चुनावों में कांग्रेस पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद पहली बार बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नेताओं को राज्य के नेताओं के साथ राज्य का दौरा करना चाहिए और न कि केवल फाइव स्टार होटलों में रहना चाहिए और वापस लौटना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नेता को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का ज्ञान होना चाहिए। केवल दिल्ली से जाना और फाइव स्टार होटलों में रहना और दो-तीन दिन बाद दिल्ली लौटना पैसे की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है।उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में फाइव स्टार संस्कृति घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस की राज्य, जिला और ब्लॉक इकाइयों में सभी पदों के लिए चुनाव कराने की वकालत की। उन्होंने कहा कि हमें पीसीसी, डीसीसी और बीसीसी को निर्वाचित करना चाहिए, और इस संबंध में पार्टी के लिए एक कार्यक्रम बहुत जरूरी है। आजाद ने कहा कि वह कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ पार्टी के हित में इन मुद्दों को उठा रहे है। उन्होंने कहा कि हम सुधारवादी हैं, विद्रोही नहीं। हम नेतृत्व के खिलाफ नहीं हैं। बल्कि, हम सुधारों का प्रस्ताव देकर नेतृत्व के हाथ मजबूत कर रहे हैं।
आजाद ने चुनाव में हार के लिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि नेताओं और लोगों के बीच संपर्क नहीं होने की बात कही। उन्होंने बिहार की हार पर विस्तार से कुछ नहीं कहा। आजाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने प्रमुख पदों पर चुनावों और पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगस्त में पत्र लिखा था।
गौर हो कि बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान आया है। इस चुनाव में पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से वह केवल 19 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।